सियासी दखल से घटा खाकी का इकबाल, तीन माह में कई बार हमला
योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश में ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए। इनमें कई बदमाश ढेर हुए तो कई घायल। लेकिन पिछले कुछ समय से पुलिस पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:17 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:17 AM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। कानून-व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की पुलिस के हाथ खोल दिए। इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ एनकाउंटर और बदमाशों को घायल किया। बावजूद इसके पुलिस का इकबाल लगातार घट रहा है। मुसीबत में इंसान पुलिस की गुहार लगाता है, लेकिन बीते कुछ समय से पुलिस खुद अपनी इज्जत और जान बचा रही है। दारोगा-पार्षद कांड समेत पुलिस पर हमले की कई वारदात इस मामले की तस्दीक कर रही हैं। पुलिस की कार्यशैली में गिरावट और राजनैतिक दबाव इसकी वजह माने जा रहे हैं।
कब कहां पुलिस पर बोला गया हमला
केस एक : टीपीनगर के सिपाही ललित फुटबाल चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे। अवैध शराब से भरी वैन आई तो उसने पीछा किया। नूरमहल के पीछे झुग्गी-झोपड़ी में वैन जाकर रुकी। सिपाही ने शराब पकड़ने की कोशिश की तो उसे बुरी तरह से भीड़ ने पीट दिया। सिपाही ललित को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पुलिस ने यहां दबिश देकर कई लोगों को उठाया। मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा गया।
केस दो : शराब माफिया रमेश प्रधान अवैध शराब का कारोबार करते हैं। 23 अक्टूबर को ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित होटल मुकुट महल के पीछे रमेश प्रधान के ठिकानों पर सहायक आबकारी आयुक्त चंद्रमणि त्रिपाठी ने दबिश दी। यहां रमेश प्रधान तो भाग गया, लेकिन उसके गुर्गो ने पथराव व फायरिंग कर दी। इसमें आबकारी के कर्मचारी आरके तोमर, राजकुमार, प्रमोद व पुलिस लाइन के हैड कांस्टेबल प्रवीन कुमार घायल हो गए। बाद में और फोर्स आई तो शराब की 101 पेटी बरामद की गई।
केस तीन : गत गुरुवार को हापुड़ अड्डे पर पुलिस चेकिंग कर रही थी। एक बाइक सवार आया तो उसने रोकने का प्रयास किया, लेकिन उसने बाइक नहीं रोकी और एक होमगार्ड विशाल पर चढ़ा दी। बाद में उसे पकड़ा तो उसने थाने के भीतर दारोगाओं से हाथापाई की। आरोपित सुदेश निवासी कुरथल मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
केस चार : 19 अक्टूबर को हाईवे स्थित खिर्वा मोड पर ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट में दारोगा सुखपाल सिंह और महिला अधिवक्ता खाना खाने जाते है। विवाद होता है तो भाजपा पार्षद मुनीश चौधरी दारोगा को गिरा-गिराकर थप्पड़ जड़ता है और वीडियो बनाकर वायरल कर देता है। यह मामला अभी भी तूल पकड़ रहा है।
इनका कहना है
पुलिस में बढ़ता भ्रष्टाचार। जनता के समय पर जायज काम भी न होना। दलाल और अपराधी पुलिस थानों में बैठकर चाय पीना आदि प्रमुख कारणों ने पुलिस का इकबाल कम कर दिया है। पुलिस गांवों में जाती है तो अपराधी के घर शराब और नॉनवेज खाती है। इन्हीं सब कारणों ने पुलिस का स्तर गिराया है।
-अरविंद जैन, रिटायर्ड डीजीपी
जब पुलिस समय पर लोगों के काम नहीं करती है और फरियादियों को भटकाती है तो उनके दिमाग में आ जाता है कि पैसा देने के बाद ही काम होगा। जब पैसा देकर ही काम कराया जाता है तो पुलिस की इज्जत घट जाती है। पुलिस निष्पक्ष काम करें तो पुलिस का इकबाल फिर से बुलंद हो सकेगा।
-अनिल बख्शी, वरिष्ठ क्रिमिनल अधिवक्ता
कुछ ही पुलिसकर्मी है जो पूरे विभाग को बदनाम कर देते हैं। उनमें सुधार आए, इसलिए समय-समय पर पुलिस लाइन में कार्यशाला कराई जाती है। जिसमें रिटायर्ड अधिकारियों और एक्सपर्ट को बुलाया जाता है। वे सिखाते हैं कि कैसी पुलिसिंग होनी चाहिए।
-अखिलेश कुमार, एसएसपी मेरठ
कब कहां पुलिस पर बोला गया हमला
केस एक : टीपीनगर के सिपाही ललित फुटबाल चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे। अवैध शराब से भरी वैन आई तो उसने पीछा किया। नूरमहल के पीछे झुग्गी-झोपड़ी में वैन जाकर रुकी। सिपाही ने शराब पकड़ने की कोशिश की तो उसे बुरी तरह से भीड़ ने पीट दिया। सिपाही ललित को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पुलिस ने यहां दबिश देकर कई लोगों को उठाया। मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा गया।
केस दो : शराब माफिया रमेश प्रधान अवैध शराब का कारोबार करते हैं। 23 अक्टूबर को ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित होटल मुकुट महल के पीछे रमेश प्रधान के ठिकानों पर सहायक आबकारी आयुक्त चंद्रमणि त्रिपाठी ने दबिश दी। यहां रमेश प्रधान तो भाग गया, लेकिन उसके गुर्गो ने पथराव व फायरिंग कर दी। इसमें आबकारी के कर्मचारी आरके तोमर, राजकुमार, प्रमोद व पुलिस लाइन के हैड कांस्टेबल प्रवीन कुमार घायल हो गए। बाद में और फोर्स आई तो शराब की 101 पेटी बरामद की गई।
केस तीन : गत गुरुवार को हापुड़ अड्डे पर पुलिस चेकिंग कर रही थी। एक बाइक सवार आया तो उसने रोकने का प्रयास किया, लेकिन उसने बाइक नहीं रोकी और एक होमगार्ड विशाल पर चढ़ा दी। बाद में उसे पकड़ा तो उसने थाने के भीतर दारोगाओं से हाथापाई की। आरोपित सुदेश निवासी कुरथल मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
केस चार : 19 अक्टूबर को हाईवे स्थित खिर्वा मोड पर ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट में दारोगा सुखपाल सिंह और महिला अधिवक्ता खाना खाने जाते है। विवाद होता है तो भाजपा पार्षद मुनीश चौधरी दारोगा को गिरा-गिराकर थप्पड़ जड़ता है और वीडियो बनाकर वायरल कर देता है। यह मामला अभी भी तूल पकड़ रहा है।
इनका कहना है
पुलिस में बढ़ता भ्रष्टाचार। जनता के समय पर जायज काम भी न होना। दलाल और अपराधी पुलिस थानों में बैठकर चाय पीना आदि प्रमुख कारणों ने पुलिस का इकबाल कम कर दिया है। पुलिस गांवों में जाती है तो अपराधी के घर शराब और नॉनवेज खाती है। इन्हीं सब कारणों ने पुलिस का स्तर गिराया है।
-अरविंद जैन, रिटायर्ड डीजीपी
जब पुलिस समय पर लोगों के काम नहीं करती है और फरियादियों को भटकाती है तो उनके दिमाग में आ जाता है कि पैसा देने के बाद ही काम होगा। जब पैसा देकर ही काम कराया जाता है तो पुलिस की इज्जत घट जाती है। पुलिस निष्पक्ष काम करें तो पुलिस का इकबाल फिर से बुलंद हो सकेगा।
-अनिल बख्शी, वरिष्ठ क्रिमिनल अधिवक्ता
कुछ ही पुलिसकर्मी है जो पूरे विभाग को बदनाम कर देते हैं। उनमें सुधार आए, इसलिए समय-समय पर पुलिस लाइन में कार्यशाला कराई जाती है। जिसमें रिटायर्ड अधिकारियों और एक्सपर्ट को बुलाया जाता है। वे सिखाते हैं कि कैसी पुलिसिंग होनी चाहिए।
-अखिलेश कुमार, एसएसपी मेरठ
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