पुलिस अधिकारियों को धमकी देने वाले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तलाश शुरू
यूपी पुलिस के दो अधिकारियों को धमकी देने वाली की तलाश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो गई। हालांकि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कॉलर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का ही है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 12:51 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 12:51 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों को फोन पर हत्या की धमकी व रंगदारी मांगने वाले आरोपित की तलाश इंटरनेशनल स्तर पर शुरू हो गई है। साइबर सेल ने टेलीकॉम कंपनियों के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसियों से संपर्क साधा है। जाने-माने आइटी विशेषज्ञों से नंबर के आधार पर गेट-वे एड्रेस मांगा गया है।
कंपनियों से मांगा डाटा
रविवार को धमकी देने वाले आरोपित की तलाश युद्ध स्तर पर की जाती रही, लेकिन छुट्टी का दिन होने के कारण सफलता नहीं मिल पाई। किस कंपनी के इंटरनेट से अधिकारियों को कॉल की गई, इसका टेलीकॉम कंपनियों से डाटा मांगा गया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपित पउप्र का ही रहने वाला है। संभव है कि वह मेरठ या पुलिस का नजदीकी ही हो। इसकी पुष्टि करने के लिए दोनों अधिकारियों की रिकॉर्डिंग को लैब भेजा जाएगा। दिल्ली-नोएडा में बैठे आइटी एक्सपर्ट्स से नंबर के आधार पर गेट-वे एड्रेस मांगा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस कंपनी के नेटवर्क से कॉल की गई।
कई एप्स संचालकों से भी बात
सूत्रों के मुताबिक, साइबर सेल ने कई मोबाइल एप के ओनर से भी बात की है, जिनसे इंटरनेट कॉल की जा सकती है। तमाम जगह बातचीत करने के बाद भी रविवार रात तक साइबर सेल के हाथ खाली रहे।
तजाखस्तान भी संपर्क
साइबर सेल ने इंटरनेट के माध्यम से तजाखस्तान भी संपर्क किया। वहां का कंट्री कोड और इंटरनेट कालिंग की प्रक्रिया जानी, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।
यह है मामला
शनिवार सुबह एसपी सिटी रणविजय सिंह के सीयूजी नंबर पर सुबह छह बजे के आसपास व कुछ देर बाद एसपी क्राइम डा. बीपी अशोक के सीयूजी नंबर पर धमकी भरी कॉल की गई। दोनों अधिकारियों के साथ अमर्यादित भाषा इस्तेमाल हुआ और पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसके नहीं देने पर हत्या की धमकी दी गई थी। मामले की जांच साइबर सेल कर रही है।
ई-मेल बनेगा हथियार
इंटरनेट कॉल के लिए ई-मेल आइडी का इस्तेमाल किया गया है। गूगल अकाउंट पर बनी वह ई-मेल आइडी किसकी है और किस आइपी व गेट-वे एड्रेस पर जनरेट की गई, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपित तक पहुंचने के लिए ई-मेल संजीवनी साबित हो सकती है। बशर्ते, वह फर्जी न हो।
इनका कहना है
रविवार होने के कारण जांच में कुछ बाधा आई है। उम्मीद है, बहुत जल्द आरोपित को पकड़ लिया जाएगा।
-सतपाल आंतिल, एएसपी-क्राइम
कंपनियों से मांगा डाटा
रविवार को धमकी देने वाले आरोपित की तलाश युद्ध स्तर पर की जाती रही, लेकिन छुट्टी का दिन होने के कारण सफलता नहीं मिल पाई। किस कंपनी के इंटरनेट से अधिकारियों को कॉल की गई, इसका टेलीकॉम कंपनियों से डाटा मांगा गया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपित पउप्र का ही रहने वाला है। संभव है कि वह मेरठ या पुलिस का नजदीकी ही हो। इसकी पुष्टि करने के लिए दोनों अधिकारियों की रिकॉर्डिंग को लैब भेजा जाएगा। दिल्ली-नोएडा में बैठे आइटी एक्सपर्ट्स से नंबर के आधार पर गेट-वे एड्रेस मांगा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस कंपनी के नेटवर्क से कॉल की गई।
कई एप्स संचालकों से भी बात
सूत्रों के मुताबिक, साइबर सेल ने कई मोबाइल एप के ओनर से भी बात की है, जिनसे इंटरनेट कॉल की जा सकती है। तमाम जगह बातचीत करने के बाद भी रविवार रात तक साइबर सेल के हाथ खाली रहे।
तजाखस्तान भी संपर्क
साइबर सेल ने इंटरनेट के माध्यम से तजाखस्तान भी संपर्क किया। वहां का कंट्री कोड और इंटरनेट कालिंग की प्रक्रिया जानी, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।
यह है मामला
शनिवार सुबह एसपी सिटी रणविजय सिंह के सीयूजी नंबर पर सुबह छह बजे के आसपास व कुछ देर बाद एसपी क्राइम डा. बीपी अशोक के सीयूजी नंबर पर धमकी भरी कॉल की गई। दोनों अधिकारियों के साथ अमर्यादित भाषा इस्तेमाल हुआ और पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसके नहीं देने पर हत्या की धमकी दी गई थी। मामले की जांच साइबर सेल कर रही है।
ई-मेल बनेगा हथियार
इंटरनेट कॉल के लिए ई-मेल आइडी का इस्तेमाल किया गया है। गूगल अकाउंट पर बनी वह ई-मेल आइडी किसकी है और किस आइपी व गेट-वे एड्रेस पर जनरेट की गई, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपित तक पहुंचने के लिए ई-मेल संजीवनी साबित हो सकती है। बशर्ते, वह फर्जी न हो।
इनका कहना है
रविवार होने के कारण जांच में कुछ बाधा आई है। उम्मीद है, बहुत जल्द आरोपित को पकड़ लिया जाएगा।
-सतपाल आंतिल, एएसपी-क्राइम
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