पुलिस ने पहले लाठियां बरसार्इं, फिर 14 लोग किए नामजद
खरखौदा के खंदावली में डकैती के बाद सहकारी समिति के रिटायर्ड क्लर्क की हत्या कर दी गई थी। मुकदमा सिर्फ हत्या में दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने थाने के बाहर धरना देकर डकैती का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी जिस पर पुलिस ने धरना दे रहे लोगों पर लाठियां बरसाई।
मेरठ, जेएनएन। खरखौदा के खंदावली में डकैती के बाद सहकारी समिति के रिटायर्ड क्लर्क की हत्या कर दी गई थी। मुकदमा सिर्फ हत्या में दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने थाने के बाहर धरना देकर डकैती का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, जिस पर पुलिस ने धरना दे रहे लोगों पर लाठियां बरसाई। इसके बाद सपा नेता ओमपाल एवं भाजपा नेता मनोज त्यागी समेत 14 लोगों को नामजद किया। ओमपाल को शांतिभंग में जेल भेज दिया। उसकी अदालत से जमानत हो चुकी है। जेल से रिहाई नहीं हो पाई।
खरखौदा थाने के खंदावली गांव में सहकारी समिति के रिटायर्ड क्लर्क जयप्रकाश का परिवार रहता है। उनका एक बेटा सर्वेश मर्चेट नेवी तो दूसरा बेटा सतेंद्र निजी कंपनी में काम करता हैं। शुक्रवार रात जयप्रकाश त्यागी अपने घेर में सो रहे थे। तभी बदमाश दीवार फांदकर आए। उनकी तिजोरी से पांच लाख की नकदी लूटी। विरोध करने पर सिर में पीछे से डंडा मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने डकैती के बाद हत्या के संगीन मामले में सिर्फ हत्या का मुकदमा दर्ज किया, जिस पर सपा नेता ओमपाल गुर्जर ग्रामीणों के साथ थाने पर आ गए। उनकी मांग थी कि पुलिस मुकदमे में डकैती की धारा लगाए। इसी बीच विधायक सत्यवीर त्यागी आ गए। उनके कहने पर भी भीड़ नहीं उठी। विधायक की मौजूदगी में पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। मृतक के बेटे सतेंद्र को भी लाठियों से पीटा गया। आइजी प्रवीण कुमार मौके पर पहुंचे तो मुकदमे में लूट की धारा बढ़ा दी गई। साथ ही ओमपाल गुर्जर को गिरफ्तार कर शांतिभंग में चालान कर दिया, जबकि भाजपा श्रम प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी, सोनू निवासी नालपुर, गिरीश त्यागी, राजेंद्र, रोहित, अखिलेश निवाणीगण खंदावली, संदीप निवासी फंफूडा, मंगेश त्यागी, सुशील त्यागी, जयप्रकाश निवासी खरखौदा, मोनू प्रधान चंदपुरा और मुकुल त्यागी निवासी कैली समेत 10 लोग अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया। ओमपाल गुर्जर को पुलिस ने जेल भेज दिया है। कोर्ट ने उसे शांतिभंग के मामले में जमानत दे दी। देर रात तक भी जेल से ओमपाल की रिहाई नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि पुलिस ने जाम लगाकर नारेबाजी करने वाले मुकदमे में भी उसे आरोपित बना दिया।
धाराओं में हुई कार्रवाई
इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भीड़ द्वारा थाने से बाहर जाम लगाकर धरना दिया। महिलाओं और यात्रियों से अभद्रता की गई। पुलिस अफसरों पर कमेंट किया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाकर रास्ता खोला।
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इनका कहना है..
रिटायर्ड क्लर्क की हत्या और लूट के मामले में क्राइम ब्रांच की टीम को लगा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि सिर पर पीछे से डंडे से वार कर हत्या की गई। पुलिस की टीम बदमाशों की तलाश कर रही है। जाम लगाने वालों पर मुकदमा दर्ज कर एक आरोपित को जेल भेजा गया है।
- अजय साहनी, एसएसपी।