छह राज्यों के शिक्षा बोर्ड की फर्जी डिग्री बनाने वाला गिरोह गिरफ्तार
फर्जी 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के पाच सदस्यों को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
मेरठ। कंकरखेड़ा थाना पुलिस ने फर्जी 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के पाच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से मार्कशीट और दर्जनों मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर बरामद हुए हैं। पाचों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। गिरोह के सरगना गाजियाबाद कवि नगर निवासी की तलाश में दबिश दी जा रही है।
एसएसपी राजेश कुमार पाडे ने बताया कि आरोपी उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों के शिक्षा बोर्ड की फर्जी मार्कशीट बनाते थे। जिसमें कई यूनिवर्सिटी में भी आरोपितों की सेटिंग है। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम उमाशकर निवासी रोटा रोड कंकरखेड़ा सलमान निवासी खंडोली थाना कंकरखेड़ा अजय इंदिरा नगर फेस वन ब्रह्मपुरी अनिल कुमार कवि नगर गाजियाबाद राजेश कवि नगर गाजियाबाद बताया है। वहीं पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपने सरगना का नाम रूप सिंह वर्मा निवासी कवि नगर गाजियाबाद बताया है। आरोपी सीबीएसई और यूपी बोर्ड की अधिक मार्कशीट बनाते थे। हैरत की बात यह है कि आरोपियों ने यूपी बोर्ड के गजट के रजिस्टर की फोटोकॉपी कराई हुई है। इस रजिस्टर में जिनके नाम होते थे उनके नाम को मिलाकर और फादर नेम मिलाकर फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे। ताकि बोर्ड में रिकॉर्ड रहे। एक मार्कशीट बनवाने के लिए 20000 रुपये से लेकर ग्रेजुएशन की मार्कशीट में 300000 रुपये तक आरोपी लेते थे। पकड़ा गया उमाशकर एनएसयूआई का प्रदेश सचिव भी रह चुका है। उमाशकर का कहना है कि वह एक छात्र है और बच्चों को पढ़ाता भी है। उसे साजिशन फंसाया गया है। क्योंकि वह एक काग्रेस का कार्यकर्ता है। भाजपा के कुछ लोगों ने रूप सिंह वर्मा को बचाकर उसे फंसाया है। जबकि मुख्य सरगना रूप सिंह वर्मा है।