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अफसरों के गले की फांस बना देह व्यापार, इन आठ रिपोर्ट को कैसे झुठलाएगा पुलिस-प्रशासन

मेरठ में कोठे बंद कराने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली है जिसको लेकर वर्तमान में पुलिस-प्रशासन में खलबली मची है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 11:41 AM (IST)
अफसरों के गले की फांस बना देह व्यापार, इन आठ रिपोर्ट को कैसे झुठलाएगा पुलिस-प्रशासन
अफसरों के गले की फांस बना देह व्यापार, इन आठ रिपोर्ट को कैसे झुठलाएगा पुलिस-प्रशासन
मेरठ, [पंकज तोमर]। रेड लाइट एरिया अफसरशाही के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। भले ही अधिकारी तमाम दावे कर रहे हों, लेकिन पुलिस-प्रशासन आठ रिपोर्ट को कैसे झुठला सकता है। विधि विशेषज्ञों की माने तो ये आठ रिपोर्ट जनहित के लिए हैं, जो मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति को बंद कराने का आधार बन सकती हैं।
पुलिस-प्रशासन में खलबली
शहर के ब्रह्म्‍पुरी व देहलीगेट थाने के बीच स्थित कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया दशकों से चल रहा है। यहां लगभग 75 कोठों पर 400 महिलाएं देह व्यापार में लिप्त हैं। कोठे बंद कराने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली है, जिसको लेकर वर्तमान में पुलिस-प्रशासन में खलबली मची है। 23 अप्रैल को डीएम, एसएसपी व सीएमओ को हाईकोर्ट ने तलब किया है। अफसरों का दावा है कि रेड लाइट एरिया में देह व्यापार नहीं होता है, जबकि वादी पक्ष दावा कर रहा है कि यहां मानव तस्करी व देह व्यापार का धंधा खुलेआम चल रहा है। उधर, दूसरा पहलू यह भी है कि महिलाओं के लिए पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
ये हैं वह आठ रिपोर्ट
जिला क्षय अधिकारी की रिपोर्ट
11 जून 2018 को आइजीआरएस पोर्टल पर उनके द्वारा सूचना दी गई कि कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया 2009 से लगातार चल रहा है। वहां मुफ्त कंडोम और रुटीन हेल्थ चेकअप नियमित कराया जा रहा है।
नगर निगम की रिपोर्ट
31 अगस्त 2018 को आइजीआरएस पर कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी संपत्ति अधिकारी ने सूचना दी कि कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया में 200 मीटर की परिधि में तीन मंदिर, पांच मस्जिद व दो स्कूल हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक की रिपोर्ट
आठ सितंबर 2018 को ऑनलाइन शिकायत पर जिविनि द्वारा बताया गया कि कबाड़ी बाजार के नजदीक माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत सरदार पटेल इंटर कॉलेज है, जो 50 वर्ष से अधिक पुराना है। वहां 27 अध्यापक और 800 छात्र अध्ययनरत हैं। रेड लाइट एरिया हटाने की मांग की गई है। उनके द्वारा वह हटाना संभव नहीं है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट
19 सितंबर 2018 को आरटीआइ के तहत सूचना दी कि रेड लाइट एरिया के 200 मीटर की परिधि में तीन विद्यालय हैं, जिनमें महिला शिक्षक भी पढ़ाती हैं।
उद्धार अधिकारी की रिपोर्ट
जून 2018 में उनके द्वारा बताया गया कि 22 सितंबर 2012 को 11 लड़कियां मुक्त कराई गईं, जबकि 17 मार्च 2018 को तीन लड़कियां मुक्त कराईं और एक संचालिका को गिरफ्तार किया गया। सात जून 2018 को तीन लड़कियां मुक्त कराई गईं।
पुलिस की रिपोर्ट
मई 2018 में तत्कालीन एसपी सिटी रणविजय सिंह ने आइजीआरएस पोर्टल पर बताया कि कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया काफी समय से चल रहा है। उसे नारी निकेतन या किसी अन्य जगह शिफ्ट करने में उच्च न्यायालय के आदेशों एवं निर्देशों का पालन किया जाएगा।
स्थानीय एनजीओ की रिपोर्ट
कुछ एनजीओ ने तथ्यों समेत रेड लाइट एरिया चलने का दावा किया है, जिसमें छापामारी का भी जिक्र है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट
पुलिस-प्रशासन द्वारा कोठों पर की गई कार्रवाई की कवरेज भी आधार बनाई गई है।
कबाड़ी बाजार का केस लड़ रहे वकील ने बताया जान का खतरा
कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया को बंद कराने के लिए हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने अपनी जान का खतरा जताया है। प्रयागराज के थाना करेली अंतर्गत भावापुर निवासी वकील व समाजसेवी सुनील चौधरी ने बताया कि उन्हें हत्या की आशंका है। मेरठ के दलाल कभी भी उन पर हमला करा सकते हैं। जनवरी 2019 में भी इस केस को लेकर उनके घर के बाहर तमंचा तानकर मुकदमा वापस लेने की धमकी दी जा चुकी है। प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी से उन्होंने सुरक्षा भी मांगी, लेकिन उन्हें नहीं दी गई।
मुक्ति अभियान की सुगबुगाहट तो नहीं
साल 2016 में प्रयागराज में रेड लाइट एरिया बंद कराने के लिए मुक्ति अभियान चलाया गया था। उस समय पुलिस और सीआरपीएफ ने कोठे घेर लिए थे। उनके लोहे के दरवाजे गैस कटर से कटवा दिए थे। 17 कोठे सील किए गए। 107 लड़कियों, महिलाओं व बच्चों को मुक्त कराया गया। मुक्ति अभियान का नेतृत्व भी अधिवक्ता सुनील चौधरी ने ही किया था। मेरठ के कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया में भी मुक्ति अभियान की सुगबुगाहट होने लगी है।
यह है जनहित याचिका
याचिकाकर्ता सुनील चौधरी ने बताया कि पांच माह पूर्व हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। मांग है कि मेरठ के कबाड़ी बाजार में मानव तस्करी के अड्डे और अनैतिक व्यापार बंद कराया जाए। अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा-16 के तहत महिलाओं को मुक्त कराया जाए। धारा-18 के तहत कोठों को सील कराया जाए।
यह किया काउंटर फाइल
इस पर अधिकारियों ने काउंटर दाखिल किया था कि यह रिपोर्ट निराधार है और यहां कोई भी कोठा नहीं है। इस पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने आदेश किया है कि 23 अप्रैल को डीएम, एसएसपी व सीएमओ हाईकोर्ट में रिपोर्ट के साथ पेश हों।
इन्‍होंने बताया
कबाड़ी बाजार में कहीं देह व्यापार नहीं होता है। शनिवार को सर्वे के दौरान भी वहां कुछ नहीं मिला।
- डा. अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी 

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