सहारनपुर के मुकेश की कविताएं महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम में शामिल Saharanpur News
पुस्तक प्रेम समर्थक हैं पेड़ की कविताएं पाठ्यक्रम में शामिल हुई हैं। महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुस्तक पुरस्कृत की गई है। साथ ही विदेशों में भी प्रस्तुति दी है।
सहारनपुर, [बृजमोहन मोगा]। पंडित कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की कड़ी में एक और नाम सहारनपुर के हास्य कवि एवं पर्यावरण कार्यकर्ता डा. मुकेश गौतम का जुड़ गया है। इनकी कविताओं को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड महाराष्ट्र के कक्षा 12 के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत उनकी पुस्तक प्रेम समर्थक हैं। पेड़ की कविताओं को हाल ही में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
डा. मुकेश गौतम वृक्ष सरंक्षण और काव्य क्षेत्र में काम कर रहे हैं। ढाई दशक से वे पर्यावरण संरक्षण के साहित्य का सृजन कर रहे हैं। उनकी पुस्तक वृक्षों के हक में, को वर्ष 2005 के भारत सरकार के राष्ट्रीय मेदिनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है और पुस्तकों का अन्य भाषाओं में अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है।
मुकेश गौतम ने विदेशों में भी लगभग दो हजार से अधिक लाइव प्रस्तुति दी हैं। इसके अलावा टेलीविजन के लोकप्रिय कार्यक्रमों द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज, कॉमेडी चैम्पियन, कॉमेडी नाइट, वाह-वाह, बहुत खूब, आल स्टार, हंसेगा इंडिया, जस्ट लाफ़ बाकी माफ, लाफ्टर नाइट, वंस मोर, अंगूर के द्वारा उन्होंने दर्शकों को भरपूर हंसाया है। मुकेश गौतम वृक्ष बचाओ-विश्व बचाओ अभियान चलाकर वृक्षों के महत्व को लोगों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।