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Pitru Paksha 2021: सर्व पितृ अमावस्या पर है दीप दान की परंपरा, मेरठ के ज्योतिषाचार्य बता रहे इसकी महत्‍ता

Pitru Paksha 2021 पितृपक्ष को लेकर कई प्रकार की उलझन मन में रहती है। मेरठ में ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत का कहना है कि अमावस्या तिथि के दिन पूर्वजों का नाम लेकर श्राद्ध करना चाहिए। इसलिए पितृपक्ष की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 03:00 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 03:00 PM (IST)
Pitru Paksha 2021: सर्व पितृ अमावस्या पर है दीप दान की परंपरा, मेरठ के ज्योतिषाचार्य बता रहे इसकी महत्‍ता
पितृपक्ष में 16 ब्राहमणों को भोजन कराना ठीक माना जाता है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। शास्त्रों के अनुसार जिस तिथि को पूर्वजों की मृत्यु होती हैं, पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष में उसी तिथि में उनके नाम से श्राद्ध किया जाना चाहिए। लेकिन किसी कारण कोई पूर्वजों की तिथि भूल जाए तो इस भूल में सुधार भी किया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसूत का कहना है कि अमावस्या तिथि के दिन पूर्वजों का नाम लेकर श्राद्ध करना चाहिए। इसलिए पितृपक्ष की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है।

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16 ब्राहमणों को भोजन

सर्व पितृपक्ष अमावस्या को सभी पितरों के लिए एक साथ श्राद्ध किया जाता है। सर्व पितृ अमावस्या को 16 ब्राहमणों को भोजन कराना अच्छा माना गया है। ब्राहमणों को खीर, पूडी, सब्जी, मिष्ठान के अलावा दान दक्षिणा देने से भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही गाय, कुत्ते, कौए और चीटिंयों को भी भोजन करवाना चाहिए।

समृद्धि का आशीर्वाद

सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर अपने पितृ लोक को लौट जाते हैं। रास्ते में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसलिए सर्व पितृ अमावस्या के दीप दान की परंपरा भी है। इस दिन शाम को घर के दक्षिण ओर तिल के तेल का दीपक जलाने से पितृ संतुष्ट होकर पितृ लोक को चले जाते हैं, और परिवार को सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

25 फीसद बढ़ा फर्नीचर कारोबार

मेरठ : लोगों की सोच अब श्राद्ध पक्ष में खरीदारी को लेकर बदल रही है। लोग अब दैनिक उपयोग की वस्तुओं के साथ ही गाड़ी, फर्नीचर, परिधान और सोने चांदी की खरीदारी भी कर रहे हैं। यही कारण है कि इस साल पितृ पक्ष में बाजार में 20 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। श्राद्ध पक्ष में एक बार फिर छह अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जिसमें खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत का कहना है कि पितृ पक्ष में खरीदारी करने से कोई दोष नहीं लगता है।

बढ़ रही है गार्डन और बालकनी फर्नीचर की मांग

कभी गार्डन और बालकनी में घर का बेकार और टूटा हुआ फर्नीचर देखने को मिलते था। वहीं अब गार्डन और बालकनी फर्नीचर की अलग से डिमांड है। इन्हें खासतौर पर डिजाइन किया गया है। ये फर्नीचर हल्के हैैं जिन्हें आसानी से कहीं भी रखा जा सकता है। इसके अलावा घर के लिए आज भी ऐसे फर्नीचर ही पसंद किए जा रहे हैं, जिनमें अधिक से अधिक घर का सामान सुरक्षित रखा जा सके। खास बात है कि अब से लेकर त्योहारी सीजन तक फर्नीचर पर 10 फीसद का डिस्काउंट दिया जा रहा है।

इनका कहना है

इस समय गार्डन और डिजाइनर फर्नीचर की मांग है। जो देखने में आकर्षक और हल्के हैं। इसके अलावा इस समय बच्चों के कमरे के लिए अलग, बेडरूम के लिए अलग, किचन के लिए अलग और गार्डन बालकनी के लिए अलग तरह का फर्नीचर पसंद किया जा रहा है।

- अभिषेक जैन, जैन स्टील वक्र्स आबूलेन

लोगों ने नए घर के लिए फर्नीचर की खरीदारी शुरू कर दी है। नए घर के लिए लकड़ी के मंदिर की भी काफी डिमांड है। इसके अलावा शहर में बढ़ते फ्लैट कल्चर की वजह से छोटे और हल्के फर्नीचर ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।

- कपिल गुप्ता, विजयश्री फर्नीचर गढ़ रोड

इस बार पिछले साल की अपेक्षा बाजार में 20 से 25 फीसद तक तेजी आई है। लोग पितृपक्ष में खरीदारी से परहेज नहीं कर रहे हैं। लोग घर के आकार और जरूरत के हिसाब से फर्नीचर की खरीदारी कर रहे हैं।

- अरविंद गुप्ता, सत्यम फर्नीचर कंकरखेड़ा


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