मेरठ में पकड़े PFI सदस्यों के खतरनाक थे मंसूबे, गजवा-ए-हिंद के जरिए देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश
PFI Members Arrested वेस्ट यूपी में सीएए की हिंसा भड़काने में चारों आरोपितों ने रची थी घिनौनी साजिश। सीएए को लेकर हुई हिंसा भड़काने में भी मेरठ मुजफ्फरनगर और शामली से आरोपितों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। चारों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे।
सुशील कुमार, मेरठ। PFI members caught मेरठ के खरखौदा में पकड़े गए पीएफआइ के चारों सदस्यों के मंसूबे बड़े ही खतरनाक थे। आरोपित गजवा-ए-हिंद के जरिए देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहे थे। एटीएस ने उनके कब्जे से गजवा-ए-हिंद का साहित्य बरामद किया है। जांच में सामने आया कि यह साजिश पिछले तीन साल से वेस्ट यूपी में रची जा रही थी।
सीएए हिंसा भड़काने की साजिश में थे शामिल
सीएए को लेकर हुई हिंसा भड़काने में भी मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली से आरोपितों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। चारों के खिलाफ तब भी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। तभी से उनकी गतिविधियों पर खुफिया एजेंसी नजर गड़ाए हुए थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौदह फरवरी को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत साकार नहीं होगा।
धार्मिक भावना भड़काने की कोशिश
उसके बाद भी पीएफआइ के सदस्य मुस्लिम लोगों में गजवा-ए-हिंद साहित्य बांट रहे है। गजवा-ए-हिंद साहित्य के अलावा उनके कब्जे से एक पैन ड्राइव भी बरामद की गई है, जिसमें धार्मिक भावना भड़काने के कुछ दस्तावेज भी मिले है। साथ ही पीएफआइ सदस्यों की कुछ जानकारी भी मिली है। साथ ही मुस्लिम युवाओं को कुछ डेटा भी बनाया हुआ है। एटीएस की टीम पैन ड्राइव पर काम कर रही है।
मोहम्मद शादाब था मास्टरमाइंड
फोरेंसिंक लैब भेजकर पूरे डाटा को सुरक्षित किया जा रहा है। पुलिस की जांच में आया कि मोहम्मद शादाब अजीम कासमी सीएए की हिंसा का भी मास्टरमाइंड था। उसने शामली कोतवाली क्षेत्र में हिंसा कराई थी, जबकि मौलाना साजिद शामली कोतवाली के अलावा कैराना में भी सीएए की हिंसा में शामिल हुआ था। इसी तरह से मुफ्ती शहजाद ने मेरठ में सीएए को लेकर हुई हिंसा का मास्टरमाइंड था। उसके खिलाफ लिसाड़ीगेट, नौचंदी थानों में मुकदमे भी दर्ज हुए थे।
चारों के मंसूबे थे खतरनाक
उसी समय मुरादनगर गाजियाबाद में भी सार्वजनिक संपत्ति को तोड़फोड़ करने में शहजाद उप्रदवियों के साथ शामिल था। उससे पहले भी 2017 में लिसाड़ीगेट में हुए सांप्रदायिक टकराव में भी शहजाद को नामजद किया गया था। इस्लाम कासमी पर भी कोतवाली मुजफ्फरनगर में सीएए को लेकर हिंसा फैलाने के नाम पर आरोपित बनाया गया था। आरोप था कि उसने सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है। यानि चारों आरोपितों के मंसूबे पहले से ही खतरनाक थे। यह सभी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे है। पुलिस और एटीएस की टीम अब उनसे जुड़े अन्य लोगों की धरपकड़ में लगी हुई है।
ये है गजवा-ए-हिंद
इस्लाम को फैलाने के लिए की जाने वाली जंग और इस युद्ध में शामिल इस्लामिक लड़ाकों को 'गाजी' कहा जाता है। इस तरह मोटे तौर पर गजवा-ए-हिंद का मतलब भारत में युद्ध के जरिए इस्लामिक राज्य की स्थापना करने से है।
ये हुई थी आरोपितों से बरामदगी
- गजवा-ए-हिन्द से सम्बन्धित अवांछनीय साहित्य
- एक पैनड्राईव
- तीन मोबाइल फोन
- तीन इस्लामिक किताबें