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अनुमति मिली, 20 मुकदमों में जल्द आरोप-पत्र कोर्ट में होगा दाखिल

जिले में हुए करीब 350 करोड़ रुपये के राशन घोटाले में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई तय मानी जा रही है। डीएम ने मुकदमे में आरोप-पत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 06:04 AM (IST)
अनुमति मिली, 20 मुकदमों में जल्द आरोप-पत्र कोर्ट में होगा दाखिल
अनुमति मिली, 20 मुकदमों में जल्द आरोप-पत्र कोर्ट में होगा दाखिल

जेएनएन, मेरठ। जिले में हुए करीब 350 करोड़ रुपये के राशन घोटाले में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई तय मानी जा रही है। डीएम ने मुकदमे में आरोप-पत्र दाखिल करने की अनुमति दे दी है। उम्मीद है कि जल्द ही पुलिस 20 मुकदमों में आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल करेगी। साथ ही पांच निजी कर्मचारियों के नाम भी सामने आए हैं। इनकी धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।

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एसपी क्राइम रामअर्ज ने बताया कि डीएसओ के साथ काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर के बाद पुलिस ने पूर्ति निरीक्षक की आइडी पर काम करने वाले जुल्फिकार निवासी जाकिर कालोनी और कोटेदार सादिक निवासी रशीद नगर को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल भेज दिया है। वहां दोनों को क्वारंटाइन किया गया है। इसके अलावा पांच निजी कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। इनकी धरपकड़ की जा रही है।

एसपी क्राइम का कहना है कि लगभग 20 मुकदमों में पुलिस ने आरोप-पत्र तैयार किया है। ये ऐसे मुकदमे हैं, जिनमें जेल गए आरोपित भी आरोपी बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि तत्कालीन डीएसओ और सप्लाई इंस्पेक्टर के नाम भी मुकदमे में खोल दिए गए हैं। उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ समेत कई जिलों में अपात्र लोगों को फर्जी तौर पर राशन देने के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। मेरठ में करीब 350 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जुलाई 2016 से 2017 के बीच जिले में 84 मामले दर्ज हुए। इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया। मामले की जांच एसपी क्राइम रामअर्ज को दी गई।


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