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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले, मुर्गी फीड और वर्मी कंपोस्ट से कमा सकते हैं 20 लाख Meerut News

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रोजगार के सूत्र देते हुए कहा कि एक साल में पशुपालन वर्मी कंपोस्ट और मुर्गी फीड उत्पादन का कलस्टर खड़ा कर देंगे।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:05 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:05 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले, मुर्गी फीड और वर्मी कंपोस्ट से कमा सकते हैं 20 लाख Meerut News
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले, मुर्गी फीड और वर्मी कंपोस्ट से कमा सकते हैं 20 लाख Meerut News

मेरठ, जेएनएन। केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने रोजगार के सूत्र देते हुए कहा कि एक साल में पशुपालन, वर्मी कंपोस्ट और मुर्गी फीड उत्पादन का कलस्टर खड़ा कर देंगे। चार जानवर पालने वाला व्यक्ति दूध से कमाई तो करेगा ही उसके गोबर-गोमूत्र की मदद से वर्मी कल्चर तैयार करके 20 लाख रुपये सालाना तक कमाई करेगा। प्रति किलो गोबर 50 रुपये की आमदनी देगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर पागल कहा जा सकता है, लेकिन वह ऐसा करके दिखाएंगे।

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जल्‍द ही आएगा रिजल्‍ट

यह तकनीक अमेरिका से नहीं, बल्कि बरेली स्थित आइसीएआर और वेटनरी विवि के साथ मिलकर काम चल रहा है। जल्द ही इसका रिजल्ट आएगा। 2021 तक सड़कों पर जो बेसहारा पशु नहीं दिखाई देंगे। 2050 तक देश में प्रोटीन तैयार करने के लिए 200 मिलियन टन मुर्गी फीड की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी। अंडा प्रोटीन का बड़ा स्रोत है, इस फील्ड में रोजगार सृजन करेंगे। मछली के लिए दाने तैयार करने का रोजगार देंगे। आज भोजन सभी को चाहिए, लेकिन कोई खेती नहीं करना चाहता। भविष्य में लोग अन्न उगाने वाले के इर्द-गिर्द ही घूमेंगे।

किसानों को कटिया और एफडी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों से धनराशि खर्च हो जाती है, इसलिए उन्‍हें लाभांश के रूप में कटिया या बछिया दें। जिसके बेटी है उसके लिए एफडी करा कर दें।

मेरठ में लगी सहकारी बैंकों की पहली रिसाइकलर मशीन

जिला सहकारी बैंक मेरठ मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश सहकारी बैंकों के प्रथम रिसाइकलर का लोकार्पण हुआ। रिसाइकलर ऐसी मशीन होती है, जिससे धनराशि निकाली जाती है और जमा भी की जा सकती है। लोकार्पण केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरठ के सहकारी बैंक का एनपीए 0.7 फीसद है।

तो डूब जाएगा लोन

इसका मतलब है कि जरूरत के हिसाब से ऋण दिया जाता है, चेहरा देखकर नहीं। जब चेहरा देखकर दिया जाएगा तो बैंक डूब जाएगा। सहकारी बैंक, मेरठ-बागपत के अध्यक्ष मनिंदर पाल सिंह ने कहा कि किसानों को फसली ऋण देने के साथ-साथ अब व्यावसायिक ऋण, आवासीय ऋण, पशुपालन व डेयरी के लिए भी उपलब्ध कराएंगे।


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