मलियाना नाले में जलभराव के खौफ से घर ही छोड़ गए लोग
मलियाना वार्ड-दो के जसवंतनगर बाग कालोनी और लक्ष्मीकुंज के बाशिंदों की जिंदगी नाले ने नरक बना दी है। बरसात शुरू भी नहीं हुई और लोगों के घरों में नाले का पानी भरना शुरू हो गया है।
मेरठ, जेएनएन : मलियाना वार्ड-दो के जसवंतनगर, बाग कालोनी और लक्ष्मीकुंज के बाशिंदों की जिंदगी नाले ने नरक बना दी है। बरसात शुरू भी नहीं हुई और लोगों के घरों में नाले का पानी भरना शुरू हो गया है। त्रस्त लोग मकान खाली कर किराए के घरों में चले गए हैं। कुछ लोगों ने मकान ही बेचने का निर्णय लिया है। यहां पिछले सात सालों से नाले के पानी की निकासी नहीं हो पाई है। बीच बस्ती में सीवर का दरिया बह रहा है। यह पानी लोगों के घरों में भर गया है और इस पानी के साथ सांप भी घरों में पहुंच गए हैं। बस्ती के बीच मौजूद तालाब भी नाले के पानी से भर गया है।
यह लोग खाली कर गए मकान
बाग कालोनी निवासी सोनू के घर तक नाले का पानी पहुंच गया है। सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर उसने घर ही खाली कर दिया। इसी कालोनी निवासी देवेंद्र के दो मकान हैं। एक मकान नाले के किनारे है। नाले का पानी उनके मकान के दरवाजे तक आ गया है। उन्होंने दूसरे घर में शिफ्ट किया है। यहीं पर मजदूरी करने वाले राजू का परिवार किराए पर एक मकान में रहता था, लेकिन मकान के चारों ओर नाले का पानी भर जाने के बाद उसे दूसरी जगह जाना पड़ा। लक्ष्मीकुंज में करीब सात मकानों पर ताले लटक रहे हैं। यहां स्थित बालाजी धाम मंदिर के पुजारी विनोद शर्मा ने बताया कि बारिश में हर साल बुरी तरह जलभराव हो जाता है। मकान मालिक यहां रहना नहीं चाहते हैं और किराएदार दूरी बनाए हुए हैं। विनोद गुर्जर, रामबीर, संतोष आदि ने मकान को खाली छोड़ रखा है। जलभराव का खौफ ऐसा ही है कि वह यहां बसने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जसवंत नगर में नाले किनारे बसे लोगों ने बताया कि चार दिन पहले तीन बच्चे अचानक खेलते खेलते नाले में गिर गए थे। गनीमत यह रही कि मौके पर लोग मौजूद थे। उन्होंने प्रयास कर बच्चों को निकाला। तब से लेकर बच्चे भयभीत हैं।
बारिश में बच्चों का स्कूल बंद
प्राथमिक विद्यालय खन्दक मलियाना तीन की प्रधानाचार्या रीता देवी ने बताया कि बरसात के मौसम में बच्चे स्कूल नहीं आ पाते हैं। स्कूल का मुख्य गेट साल भर से बंद है। नाले का पानी स्कूल परिसर में भर रहा है। विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। जलभराव के चलते सांप निकल रहे हैं। कई बार ये सांप लोगों के घरों में घुस जाते हैं। यहां बड़े अक्षरों में लिखा है 'मकान बिकाऊ है'
लोगों ने यह सोचकर यहां मकान बनाए थे बेहतर जिंदगी गुजारेंगे, लेकिन नाले के पानी से हालात नारकीय बन चुके हैं। आजिज आकर लोग मकान की दीवार में मकान बिकाऊ है, लिखवाने के लिए मजबूर हो गए हैं। बाग कालोनी के जगदीश ने मकान तो छोड़ ही दिया है, अब बेचने की तैयारी भी कर ली है। लक्ष्मीकुंज के दो लोग भी मकान बेचने का मन बना चुके हैं।
लोग बोले
फोटो-506
-पिछले साल बारिश में भारी जलभराव हुआ था। इस बार अभी बारिश भी नहीं हुई और घरों के सामने नाले का पानी जमा हो गया है। मकान खाली कर दूसरे मकान में सामान शिफ्ट कर दिया है। बारिश बाद फिर लौटेंगे। नगर निगम ने नाला तो बनवाया लेकिन जलनिकासी मलियाना बिजली घर के पास बाधित होने से यह स्थिति बनी है।
देवेंद्र, बाग कालोनी। फोटो-516
-तीन साल हो गए हैं यहां रहते हुए। हर साल बारिश में मकान छोड़कर दो माह किराए पर रहना पड़ता है। इस बार अभी से मकान के बाहर पानी आ गया है। बच्चों दरवाजा खोलकर निकलते हैं तो सामने दरिया है। हमेशा अनहोनी का डर बना रहता है। नाले की जलनिकासी बिजली घर के पास बाधित न होती तो शायद यह स्थिति न होती।
राजकुमारी, जसवंत नगर। फोटो-530
-बालाजी धाम मंदिर बनाया। यहां पर हर मंगलवार को दूर दराज से पूजा-पाठ करने लोग आते हैं, लेकिन जलनिकासी न होने से यहां नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। जलनिकासी के लिए नाला है लेकिन मलियाना बिजली घर के पास नाले को मिट्टी डालकर पाट दिया गया। इससे जलनिकासी ठप है। नगर निगम अधिकारी सुनते नहीं है।
विनोद शर्मा,लक्ष्मीकुंज।
बॉक्स
सात साल से बनी है समस्या
-पूर्व पार्षद नरेश ने बताया कि जसवंत नगर, बाग कालोनी और लक्ष्मीकुंज समेत अन्य मोहल्लों की जलनिकासी के लिए नगर निगम ने प्राथमिक विद्यालय खंदक मलियाना तीन के सामने से एक नाले का निर्माण करीब सात साल पहले कराया था। नाले का निर्माण रेलवे लाइन किनारे से होते हुए शुगर मिल वाले नाले तक होना था। आगे की जमीन रेलवे की थी। रेलवे अधिकारियों ने निर्माण रुकवा दिया था। नगर निगम ने नहीं किया समाधान
-स्थानीय लोग, पार्षद सात साल से कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त कार्यालयों में चक्कर काटकर थक चुके हैं। लोग जलनिकासी की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रेलवे अधिकारियों के साथ वार्ता कर नगर निगम अधिकारियों ने नाले का निर्माण पूरा कराने के लिए अभी तक गंभीरता नहीं दिखाई है।
-----
इनकी है जिम्मेदारी
नाले का निर्माण पूरा करने की जिम्मेदारी नगर निगम के निर्माण विभाग की है। वर्तमान में चीफ इंजीनियर जितेंद्र केन, एक्सईएन नीना सिंह हैं। इन्हें नाले के अधूरे निर्माण को पूरा कराने के प्रयास करने चाहिए थे।
------------
मामला बेहद गंभीर है। नाला निर्माण को लेकर क्या दिक्कत है, इस पर निर्माण विभाग के इंजीनियरों से चर्चा करेंगे। जल्द ही समस्या का निदान कराने का प्रयास किया जाएगा।
अमित कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त।