डेंगू ढा रहा कहर, गंदगी व जलभराव से मुक्ति नहीं
जनपद में बुखार व डेंगू कहर ढहा रहा है। जिसमें बच्चों की मृत्यू बढ़ी है और
मेरठ,जेएनएन। जनपद में बुखार व डेंगू कहर ढहा रहा है। जिसमें बच्चों की मृत्यू बढ़ी है और बड़े भी अछूते नहीं है। हालांकि सीएचसी में डेंगू वार्ड बने एक माह हो गया लेकिन भर्ती एक भी रोगी नहीं हुआ। जबकि अन्य भर्ती को वायरल बुखार के रोगी बजाए जा रहे हैं। लैब में हुई जांच में भी डेंगू की पुष्टि नहीं हुई। ऐसा ही हाल रहा तो स्वास्थ्य विभाग की उदसीनता आने वाले समय में कोरोना की तरह कहर न डहा दे लोगों में शंका पैदा हो गई। उधर, नालियां चोक होने से कई जगह जलभराव में मच्छर पनप रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सीएचसी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को दवा, गोली के साथ व्यवस्थाओं से सुसज्जित का दावा किया लेकिन बुखार व डेंगू के कहर ने व्यवस्था की कलाई खोलकर रख दी। सीएचस मवाना में कोरोना वार्ड को ही डेंगू वार्ड में बदल दिया लेकिन 27 सितंबर को खुलने के बावजूद भी यहां एक भी रोगी भर्ती नहीं हुआ। लैब में भले ही प्रतिदिन 125 से 150 लोगों की खून जांच होती है लेकिन डेंगू व बुखार का कोई रोगी नहीं निकला। जबकि डेंगू से गत चार दिवस पूर्व चकबंदी लेखपाल, सैफपुर निवासी सुधा, मोहल्ला मुन्नालाल निवासी चाऊमीन विक्रेता भजनलाल की भी डेंगू से मौत हो चुकी है। जबकि कई दिनों से बुखार के चलते बच्चों में मृत्यूदर बढ़ी है। नर्सिग होम, क्लीनिक के आंकड़े गंभीरता बताने को काफी हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इससे इत्तेफाक नहीं रखता है। जबकि यहां मौजूद भर्ती रोगियों को वायरल फीवर रोगी बताए जा रहे हैं।
-दो हजार लोगों की ब्लड जांच, न डेंगू मिला, न मलेरिया
सीएचसी स्थित लैब में एक माह में औसतन प्रति दिन सौ से अधिक लोगों की ब्लड जांच होती है। जिसमें अबतक 600 मलेरिया के लिए और 400 डेंगू के लिए जांच हुई। जबकि एक में भी न मलेरिया के लक्ष्ण मिले और न डेंगू के मिले। लैब तकनीशियन राहुल ने बताया कि उक्त जांचों के साथ गांव स्तर पर भी टीमें लगी हुई हैं। जो कैंप लगाकर ब्लड की जांच कर रहें हैं।
गांवों का भी बुखार से बुरा हाला
मवाना के अलावा बहसूमा के गांव अस्सा, तखावली, रहावती, सैफपुर, नासरपुर, राफन, भैंसा, तिगरी, मुबारिकपुर आदि गांवों में भी संक्रमण समेत बुखार पैर पसार रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में भी बुखार के घर-घर रोगी हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग उक्त गांवों में कैंप लगाकर करीब 350 खून के नमूने ले चुका है। वहीं, दवा वितरण का दावा भी किया जा रहा है।