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भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटे रहे लोग

हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की..नंद के आनंद भयो जय हो कन्हैया लाल की व बाजे-बाजे री बधाई यशोदा मैया तोरे अंगना..जन्माष्टमी के लिए लोगों ने सोमवार को शहर के विभिन्न बाजारों ने जमकर खरीदारी की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 07:00 AM (IST)
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटे रहे लोग
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटे रहे लोग

जेएनएन, मेरठ। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की..नंद के आनंद भयो जय हो कन्हैया लाल की व बाजे-बाजे री बधाई यशोदा मैया तोरे अंगना..जन्माष्टमी के लिए लोगों ने सोमवार को शहर के विभिन्न बाजारों ने जमकर खरीदारी की। कहीं बाल गोपाल की पोशाक खरीदी गई, तो कहीं ठाकुरजी को भोग लगाने के लिए लड्डू और पंजीरी बनीं। जन्माष्टमी पर कान्हा के मोहक रूप को सजाने के लिए मोरमुकुट, पगड़ी, कंगन, कड़े, कुंडल और आकर्षक झूले भी खूब बिके।

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लाल पोशाक की रही खास मांग

सदर स्थित महालक्ष्मी स्टोर की संचालिका रुचि का कहना है कि जन्माष्टमी पर सबसे ज्यादा बाल गोपाल की पोशाक की मांग रहती है। इस बार लाल रंग के अलावा नीले, पीले, गुलाबी और पंचरंगी पोशाक खूब पसंद की गई। उधर, इसके अलावा कान्हा के लिए मुकुट, श्रृंगार सामग्री और ज्वेलरी की डिमांड रही। इस बार कान्हा के लिए झूलों के अलावा सोफा और बैड भी पसंद किया गया।

कान्हा को लगेगा लड्डूओं का भोग

सदर स्थित प्रेम स्वीट के मालिक नीरज के अनुसार इस साल जन्माष्टमी पर्व पर कान्हा के भोग लिए बेसन और चने के लड्डू तैयार कराए गए हैं, जो काफी स्वादिष्ट हैं। लोग भी इन्हें पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा पंचमेवे से तैयार पंजीरी की भी मांग रही।

घर-घर तैयार हो रही स्वादिष्ट पंजीरी

जन्माष्टमी पर घर पर ही मिठाई और पंजीरी बनाने की पुरानी परंपरा रही है। दादी-नानी चीनी, गुड़ और आटे में कई प्रकार के मेवे मिलाकर घर पर ही स्वादिष्ट पंजीरी बनाया करतीं थीं। कोरोना काल में एक बार फिर घर का वहीं स्वाद लौट आया है। वर्षों बाद इस बार महिलाएं अपने कृष्ण कन्हैया के लिए देसी घी में स्वादिष्ट पंजीरी बना रहे हैं। सदर निवासी ललतेश सिंघल ने इस बार भोग के लिए नारियल के लड्डू और पंचमेवा डालकर पंजीरी बनाई है।

फेसबुक पर छाए नन्हें-मुन्ने कान्हा

कन्हैया के रूप में इस बार फेसबुक पर नन्हें मुन्ने छाए हैं। कोई कृष्ण बनकर राधा संग मुरली बजा रहा है, तो कोई बाल गोपाल के रूप में झूला झूल रहा है। पीले रंग के वस्त्र, मोरमुकुट और मुरली पकड़े हुए बच्चों बिल्कुल भगवान श्रीकृष्ण के सामान दिख रहे हैं। साकेत निवासी पूजा वर्मा ने बताया कि हर साल जन्माष्टमी पर्व पर स्कूल में कार्यक्रम होता है, जिसमें बच्चे कृष्ण बनकर जाते हैं, लेकिन इस बार स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को कान्हा के रूप में तैयार कर फेसबुक फोटो पोस्ट की हैं।


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