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निर्भया कांड के गुनाहगारों को फांसी देने के लिए पवन जल्‍लाद को किया अलर्ट, इस तरह की है तैयारी Meerut News

निर्भया कांड के चार गुनाहगारों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद को तैयार किया जा रहा है। गुरुवार को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने पवन को जेल परिसर में बुलाकर आवश्‍यक निर्देश दिए।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:18 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 11:18 AM (IST)
निर्भया कांड के गुनाहगारों को फांसी देने के लिए पवन जल्‍लाद को किया अलर्ट, इस तरह की है तैयारी Meerut News
निर्भया कांड के गुनाहगारों को फांसी देने के लिए पवन जल्‍लाद को किया अलर्ट, इस तरह की है तैयारी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। निर्भया कांड के चार गुनाहगारों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद को तैयार किया जा रहा है। गुरुवार को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने पवन को जेल परिसर में बुलाया तथा फांसी देने के लिए तैयार रहने को कहा। साथ ही उसके शहर के बाहर जाने पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई। बता दें कि निठारी कांड के आरोपित सुरेंद्र कोली को भी फांसी के लिए पवन जल्लाद का जेल में ट्रायल तक हो चुका था।

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शहर से बाहर नहीं जा सकेंगे पवन

दिल्ली में निर्भया कांड के चार गुनाहगारों को जल्द ही फांसी होने वाली हैं, बताया गया कि फांसी के लिए दिल्ली सरकार ने यूपी जेल प्रशासन से संपर्क किया है, जिसके बाद गुरुवार को पवन जल्लाद को चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बुलाया था। बीडी पांडेय के मुताबिक, पवन जल्लाद को फांसी देने के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया है, जेल में बुलाकर उससे कुछ कागजात पर भी हस्ताक्षर कराए गए। फिलहाल पवन के शहर से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है।

हर माह पांच हजार मानदेय मिलता है

वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि कांशीराम कालोनी में रहने वाले पवन जल्लाद को प्रत्येक माह पांच हजार का मानदेय मिलता है, जिसे जेल प्रशासन की तरफ से मुहैया कराया जाता है। हालांकि पार्ट टाइम वह साइकिल पर कपड़ा बेचने का काम करता है। पवन इस समय करीब 56 साल के हैं, फांसी देने के काम को वो महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं। उनका कहना है कि कोई व्यक्ति न्यायपालिका से दंडित हुआ होगा और उसने ऐसा कृत्य किया होगा, तभी उसे फांसी की सजा दी जा रही होगी, लिहाजा वो केवल अपने पेशे को ईमानदारी से निभाने का काम करता है। पवन ने बताया कि चार दशक इस काम से जुड़े हो चुके हैं। दादा और पिता से फांसी देने का काम सीख चुके हैं। अभी तक पवन किसी को भी फांसी नहीं दे पाए।

फांसी देने की भी होती है तकनीक

वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय को पवन ने बताया कि फांसी देने की भी तकनीक होती है। रस्सी में गांठ कैसे लगनी है, कैसे फांसी देते समय रस्सी को आसानी से गर्दन के इर्द-गिर्द खींचना पड़ता है। कैसे फांसी का लीवर सही तरीके से काम करेगा, कोशिश ये होती है कि जिसे फांसी दी जा रही हो, उसे कम से कम कष्ट हो।

मैं फांसी देने के लिए तैयार हूं

पवन जल्लाद ने बताया कि मैं फांसी देने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया कांड के आरोपितों को फांसी देने को अपने लिए गौरव मानता हूं। 


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