यात्री कम फिर भी रक्षाबंधन पर रही बसों की मारामारी, लोकल रूट के लिए काफी देर तक करना पड़ा इंतजार Meerut News
बागपत नोएडा और लोकल रूटों के लिए यात्रियों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान भीड़ में शारीरिक दूरी और कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय धाराशाही हो गए।
मेरठ, जेएनएन। ट्रेनों का संचालन बंद रहने से सोमवार को रक्षा बंधन पर रोडवेज बसों ने भाई और बहनों को गंतव्य तक पहुंचाने का दारोमदार रहा। भैंसाली बस अड्डे पर कौशांबी, बागपत समेत कई रूटों पर बसों की मारामारी रही। सोहराब गेट बस अड्डे पर अपेक्षाकृत भीड़ कम रही। अधिकारियों के अनुसार गत वर्ष रक्षा बंधन की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या 65 प्रतिशत ही रही है।
रक्षाबंधन के लिए 500 बसे चली
रोडवेज के पास 806 बसों का बेड़ा है लेकिन कोरोना काल में यात्रियों की संख्या कम होने से 360 बसों का संचालन तीनो डिपो में हा रहा था। रक्षाबंधन के लिए 500 बसें चलाई गई थी। यात्रियों की कमी से प्रतिदिन 30 से 40 लाख घाटे में चल रही रोडवेज को रक्षाबंधन के पर अच्छी आय की उम्मीद थी। भैसाली और सोहराब गेट बस अड्डे पर सुबह से ही खासी चहल-पहल रही।
भैसाली बस अड्डे पर 10:30 बजे तक काफी हद तक छट गई । लेकिन 12:00 बजे के बाद एक बार फिर यात्रियों की भीड़ बस अड्डे पर जुटनी शुरू हो गई। जो देर शाम तक रही। मोदीनगर में जाम की स्थिति से गाजियाबाद और दिल्ली की बसों का संचालन प्रभावित रहा। बागपत, शामली, नोएडा, कौशाम्बी की यात्रियों को 1-1 घंटे तक बसों का इंतजार करना पड़ा। नजीबाबाद और लंबे रूटों की बसों में मवाना, हस्तिनापुर जैसे आसपास के यात्रियों को बैठाने में आनाकानी करने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उमस भरी धूप में छोटे छोटे बच्चों को लेकर आई महिलाएं परेशान होती नजर आई।
करोना संक्रमण के उपाय हुए धाराशाही
बस अड्डों पर बसों में घुसने की होड़ से शारीरिक दूरी का अनुपालन दूर की कौड़ी बन कर रह गया। थर्मल स्कैनर से और शरीर के तापमान जांच जैसे नियम हवा हवाई बनकर रह गए। कई यात्री विशेषकर बच्चे बिना मास्क के बस अड्डे पर नजर आए। आरएम नीरज सक्सेना ने बताया कि अमूमन रक्षाबंधन पर लोड फैक्टर 120 प्रतिशत रहता है। लेकिन इस बार 80 प्रतिशत की रहने की उम्मीद है। यात्रियों के थर्मल स्क्रीङ्क्षनग और हाथों को सैनिटाइज करने के लिए कर्मचारियों ड्यूटी लगाई गई थी।