केएलएफ सदस्यों के खिलाफ परमजीत पर गवाह बनने का था दबाव
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआइए की पूछताछ के बाद घर लौटे परमजीत उर्फ मंगल सि
मेरठ,जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआइए की पूछताछ के बाद घर लौटे परमजीत उर्फ मंगल सिंह ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। एनआइए केएलएफ सदस्यों के खिलाफ केस मजबूत करने के लिए गवाह बनाने को दबाव बना रही थी। चंडीगढ़ भी बुलाने की मुख्य वजह यही मानी जा रही है। पुलिस की जांच भी मौत के अन्य कारणों को तलाश रही है।
एनआइए खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स यानि केएलएफ सदस्य गगनदीप व पकड़े गए अन्य साथियों पर शिकंजा कसने के लिए सबूतों के साथ गवाहों की भी आवश्यकता है। गगनदीप के साथ परमजीत की सेल्फी होने पर उसे भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था लेकिन उसे छोड़ दिया था। सप्ताह बाद फिर उसे पूछताछ के लिए सोमवार को चंडीगढ़ बुलाया था लेकिन कुछ घंटे बाद छोड़ दिया था। जबकि वह दबाव में रहा और 24 घंटे बाद मंगलवार को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। स्वजन भी भले ही वहां से आने के बाद चुप रहने की बात कह रहे लेकिन परमजीत पर गवाह बनने का दबाव था। यह बात से वह परेशान था कि गवाह बनने के बाद केएलएफ का दुश्मन हो जाएगा। इसी उधेड़बुन में वह मंगलवार हस्तिनापुर पहुंचा था लेकिन बाहर नहीं निकल पाया। एनआइए उसकी मौत को सामान्य नहीं मान रही और पुलिस आलाधिकारी भी उक्त मामले की जांच हर पहलु पर करने के प्रयास में लगे हैं। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर बिसरा सुरक्षित रखा है।
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्जे में ली
हस्तिनापुर इंस्पेक्टर अशोक कुमार गुरुवार को मवाना स्थित कमल हास्पिटल पहुंचे और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्जे में ली है। जिसमें परमजीत के साथ भर्ती कराने के समय कौन-कौन लोग मौजूद रहे आदि फुटेज देखी। स्वजन भर्ती कराने के कितनी देर बाद पहुंचे और आदि जानकारी ली। हालांकि उसने भर्ती कराने के समय सल्फास खाने की बात कही थी। अब उन लोगों को पूछताछ करेगी जो भर्ती कराने के समय मौजूद रहे।
इन्होंने कहा..
एनआइए से जुड़ा होने के कारण पुलिस हर पहलु पर जांच कर रही है। किस दबाव में जहर निगला आदि बिन्दू जांच का विषय हैं। उसे भर्ती कराने के समय कौन-कौन मौजूद रहे इसके मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज कब्जे में ली। गवाह बनाने का दबाव था या अन्य यह सामने नहीं आयी है।
-अशोक कुमार, प्रभारी निरीक्षक हस्तिनापुर।