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UP Panchayat Election के दावेदारों ने खर्च कर दिए लाखों रुपये, अब आरक्षण बिगाड़ रहा गणित

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जटिल हुई आरक्षण प्रक्रिया ने तमाम दावेदारों का गणित बिगाड़ दिया है। कुछ ऐसे भी दावेदार हैं जो पिछले काफी समय से माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए ग्राम पंचायत में काफी खर्च कर चुके हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 09:51 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:51 AM (IST)
UP Panchayat Election के दावेदारों ने खर्च कर दिए लाखों रुपये, अब आरक्षण बिगाड़ रहा गणित
पंचायत चुनाव में आरक्षण दावेदारों का गणित बिगाड़ रहा है।

मेरठ, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जटिल हुई आरक्षण प्रक्रिया ने तमाम दावेदारों का गणित बिगाड़ दिया है। कुछ ऐसे भी दावेदार हैं जो पिछले काफी समय से माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए ग्राम पंचायत में काफी खर्च कर चुके हैं। तमाम लोगों ने कोरोना काल में लोगों की मदद करने के साथ-साथ गांव को कई बार सैनिटाइज तक कराया। इसके अलावा अन्य कार्य भी कराए। अब अपने हाथ से सीट को जाते देख दावेदार चक्कर काट आरक्षण अपने पक्ष में करने की जुगत में जुटे हैं।

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कोरोना काल में लाकडाउन लगने के दौरान माछरा और किला परीक्षितगढ़ ब्लाक क्षेत्र के कई गांवों में दावेदारों ने खूब काम किया। गांवों में सैनिटाजर का छिड़काव कराने के साथ गरीबजन की अन्न और धन से भी मदद की।

इसके अलावा नववर्ष पर दावत का आयोजन भी किया गया और घर-घर जाकर बधाई संदेश भी दिए गए, लेकिन अब आरक्षण की प्रक्रिया में हुए बदलाव और नियम सख्त होते ही दावेदारों की हालत खराब हो रही है। बुधवार को भी तीन दावेदार विकास भवन पहुंचे और जिला पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों से आरक्षण की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर लगभग गिड़गिड़ाते से नजर आए। बातचीत में दावेदारों ने बताया कि इस बार पूरी उम्मीद थी कि फैसला उनके पक्ष में होगा। इसलिए गांव में माहौल बनाने के लिए लाखों रुपये फूंक दिए, लेकिन अब बदली प्रक्रिया उम्मीद तोड़ रही है।

हर ब्लाक में ऐसा ही हाल

त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर ब्लाक स्तर पर आरक्षण की सूची तैयार हो चुकी है। अब सूची को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने की तैयारी है। उधर, आरक्षण की पड़ने वाली मार से बेहाल हो रहे दावेदारों की स्थिति हर ब्लाक में एक जैसी ही है। दावेदार अब बनने वाले समीकरण पर निगाह लगाए हुए हैं।

त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही आरक्षण प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है। - शशांक चौधरी, सीडीओ 


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