लीलू से हाथ मिलाकर भदौड़ा गैंग में शामिल हुआ था पकौड़ी Meerut News
2017 में एटीएफ ने पकौड़ी के भाई संजय को जेल भेज दिया था नीटू हत्याकांड की पैरवी कर रहे प्रवेंद्र को भी उतारा था मौत के घाट।
मेरठ, जेएनएन। सरूरपुर खुर्द में राजेंद्र सिंह के दो बेटे संजय और संजीव उर्फ पकौड़ी गांव की रंजिश के बाद अपराध की दुनिया में प्रवेश कर गए थे। जमीनी विवाद को लेकर सात साल पहले ग्राम प्रधान कविता के पति नीटू उर्फ रमेश की हत्या कर दी थी। तब से दोनों भाई मिलकर अपराध कर रहे है। 2017 में संजय को एसटीएफ ने जेल भेज दिया था। तब से ही संजीव पकौड़ी वांछित चल रहा था। बागपत और मेरठ दोनों जनपदों में लगातार वारदात को अंजाम दे रहा है। बताया गया है कि बदमाश हिस्ट्रीशीटर था और टॉप-10 बदमाशों की सूची में शामिल था।
अपराध की दुनिया में
संजय का 2012 में गांव के नीटू उर्फ रमेश से जमीन को लेकर विवाद हो गया था। नीटू करनावल के उधम सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य था और उसकी पत्नी कविता देवी गांव की प्रधान है। उन्हीं दिनों नीटू ने अपने भाई के साथ करनावल निवासी लीलू के दो भाइयों की हत्या कर दी थी। लीलू योगेश भदौड़ा गैंग का सक्रिय सदस्य था। इस घटना के बाद संजय ने लीलू से हाथ मिला लिया था। 2012 में ही उसने अपने छोटे भाई संजीव उर्फ पकौड़ी व लीलू के साथ मिलकर सरधना थाना क्षेत्र में नीटू को मौत के घाट उतार दिया था।
इस मामले में पुलिस ने लीलू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। संजय और उसके छोटे भाई संजीव को पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। दोनों भाईयों ने नीटू की हत्या के बाद केस के वादी बने उसके छोटे भाई प्रवेंद्र पर समझौते के लिए दबाव बनाया। प्रवेंद्र ने समझौता करने से इनकार कर दिया। तभी 25 मई 2017 को दोनों भाईयों ने साथियों के साथ मिलकर प्रवेंद्र की हत्या कर दी थी। उसके बाद प्रधान कविता देवी की हत्या की फिराक में लगे हुए थे। अक्टूबर 2017 में एसटीएफ की नोएडा युनिट में संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके बाद से संजीव उर्फ पकौड़ी वांछित चल रहा था।
तब से कविता को सुरक्षा के लिए गनर मुहैया करा दिए थे। शनिवार को भी संजीव पकौड़ी कविता की हत्या करने आया था।
गनर मुस्तैद रहने की वजह से कविता देवी बच गई। तब पुलिस ने पकौड़ी की घेराबंदी की। बता दें कि 2014 में संजय और संजीव ने गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में एक लूट की घटना को अंजाम दिया था। हाल में पकौड़ी ने बागपत के छपरौली में हुई बैंक डकैती को अंजाम दिया था।
एक जुलाई से अब तक हुई मुठभेड़
56 मुठभेड़ हुई
07 बदमाश मारे गए
72 बदमाश घायल हुए
142 बदमाशों की गिरफ्तार की
14 बदमाश सरेंडर कर गए।
60 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
इन्होंने बताया
पकौड़ी पर मेरठ से 75 हजार का इनाम था। नीटू और प्रवेंद्र हत्याकांड में पकौड़ी वांछित चल रहा था। तीनों जनपदों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। महिला प्रधान की हत्या करने के लिए आए पकौड़ी की घेराबंदी की गई, जिससे उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में बदमाश को गोली लग गई।
- अजय साहनी, एसएसपी