हर पांच सौ मीटर पर जरूरी है ऑक्सीजन बैंक, पीपल का पेड़ बिना रुके देता है जीवनदायिनी गैस
पीपल तुलसी व नीम का पौधरोपण अभियान चलाने वाले धर्मेंद्र बोले पीपल का पेड़ जीवनदायिनी गैस देता है। वर्तमान में हर पांच सौ मीटर पर ऑक्सीजन बैंक की आवश्यकता है।
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। ‘पीपल, तुलसी व नीम’ अभियान चलाने वाले बिहार के अरवल जिला निवासी डा. धर्मेद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान में हर पांच सौ मीटर पर ऑक्सीजन बैंक की आवश्यकता है। यह पीपल के पौधे लगाने से मुमकिन हो सकता है। एक पीपल का पौधा लगाने से एक ऑक्सीजन बैंक का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण से इसलिए जूझ रहा है, क्योंकि यहां भारी मात्र में ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों को नजरंदाज किया गया है। डा. धर्मेद्र कुमार शहर में शनिवार को सर्वहित कल्याण सेवा समिति की ओर से आयोजित समारोह में नेशनल ग्रीन थिंकर अवार्ड से सम्मानित हुए। रविवार को वापस लौटते समय वह दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे और अपने अभियान के बारे में बताया।
बच्चे हैं पर्यावरण के प्रहरी बड़ों के लिए हैं उपदेश
नेशनल ग्रीन थिंकर अवार्ड से सम्मानित डा. नम्रता आनंद ने दैनिक जागरण को बताया कि पौधारोपण में उम्रदराज लोग रुचि नहीं दिखाते। जब भी कोई तर्क दिया जाता है तो बड़ों को यह उपदेश लगता है। बच्चे महत्व समझते हैं और पौधारोपण करते हैं। उन्होंने पटना में 10 विद्यालयों की को-ऑर्डिनेटर रहने के दौरान बच्चों से हजारों पौधे लगवाए थे। कहा कि जब दिल्ली-एनसीआर समेत मेरठ भी प्रदूषण की चपेट में है तो बड़ी संख्या में पौधारोपण कराना चाहिए। उन्हें भारत सरकार की ओर से नेशनल यूथ अवार्ड मिल चुका है।
पीपल बिना रुके देता है 24 घंटे ऑक्सीजन
डा. धर्मेद्र ने बताया कि पीपल ऐसा वृक्ष है जो बिना रुके 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए यह वृक्ष बेहद अहम है। जब हम स्वस्थ रहेंगे तो शांति आएगी। शांति नहीं होगी तो ज्ञान के लिए किए जा रहे प्रयास सार्थक नहीं होंगे। पीपल के नीचे ही बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
जिस भी शहर जाते हैं पीपल लगाते हैं धर्मेद्र
धर्मेंद्र ने बताया कि वह अब तक इन तीनों को मिलाकर 10 हजार पौधे लगा चुके हैं। जिस भी शहर जाते हैं पीपल लगाते हैं। अपने साथ पौधे रखते हैं। कार्यक्रम में पीपल की पत्ती भी बांटते हैं, जो कभी नष्ट या खराब नहीं होती। कुछ माह पूर्व वह मेरठ एक कार्य से आए थे उस समय कलक्ट्रेट में पीपल का पौधा रोपा था। रविवार को उन्होंने हापुड़ रोड पर ईहा दीक्षित के साथ पीपल रोपा।
नम्रता ने बनाया है ऑक्सीजन फार्म हाउस
डा. नम्रता लंबे समय से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्होंने पटना के चंदासी गौरीचक स्थान पर एक फार्म हाउस बनाया है जिसका नाम ऑक्सीजन फार्म हाउस नाम दिया है। डेढ़ बीघे में फैले इस फार्म हाउस में खेती नहीं होती बल्कि ऑक्सीजन वाले पौधे हैं और फलदार पौधे। इसमें पीपल, नीम, आम व अमरूद की अधिकता ज्यादा है।