अपने घर का सपना होगा अपना : ओटीएस है आखिरी मौका, नहीं तो रद होगा 6000 आवंटन
ओटीएस स्कीम वैसे तो मार्च से पहले ही आ गई थी पर कोरोना की वजह से इसकी तारीख लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में डिफाल्टर इसका फायदा लेकर धनराशि जमा कर दें।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में मकान और प्लॉट के 6172 आवंटियों को लॉकडाउन से पहले नोटिस भेजा गया था। ये ऐसे आवंटी हैं जो डिफाल्टर हैं। कई साल से इन्होंने किस्त जमा नहीं की है। इससे पहले भी उन्हें कई बार नोटिस भेजा जा चुका है। वैसे तो इनका आवंटन रद होने का अब समय आ गया था। पर अब ओटीएस यानी एकमुश्त समाधान योजना इन आवंटियों के लिए संजीवनी बनकर आई।ओटीएस स्कीम वैसे तो मार्च से पहले ही आ गई थी पर कोरोना की वजह से इसकी तारीख लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे डिफाल्टर अगर इस ओटीएस स्कीम का फायदा लेकर धनराशि जमा कर देते हैं तो उनका आवंटन रद होने से बच जाएगा और मकान या प्लॉट के हकदार हो जाएंगे। अब सबसे बड़ी राहत यह मिली है कि ओटीएस का समय 30 सितंबर तक कर दिया गया है यानी अब काफी वक्त है। ऐसे में धन का इंतजाम भी आसानी से किया जा सकता है। ओटीएस स्कीम में मूलधन और साधारण ब्याज ही जमा करना है, प्राधिकरण की ओर से जो कंपाउंडिंग ब्याज लगाया जाता था वह नहीं देना है। इससे आवंटियों को बहुत फायदा होने वाला है। पर एक बात यह है कि अगर इस ओटीएस का भी जिन आवंटियों ने लाभ नहीं लिया और आवंटन पर गंभीरता नहीं दिखाई तो 30 सितंबर के बाद फिर समीक्षा होगी और ऐसे आवंटियों का आवंटन रद हो जाएगा क्योंकि ऐसे आवंटी अब सभी तरह की कानूनी शर्तों को पार कर चुके हैं। अब इन्हें किसी न्यायालय से भी राहत की उम्मीद नहीं रह जाएगी। एमडीए के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि ओटीएस का लाभ आवंटी लेंगे, ऐसी उम्मीद दिखाई दे रही है। कुछ आवेदन आ रहे हैं जिनका तेजी से निस्तारण किया जा रहा है।