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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास बचेंगे सिर्फ 350 कालेज

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय करीब एक हजार से अधिक कालेजों के बोझ से दबा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 10:00 AM (IST)
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास बचेंगे सिर्फ 350 कालेज
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पास बचेंगे सिर्फ 350 कालेज

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय करीब एक हजार से अधिक कालेजों के बोझ से दबा है। लेकिन, कालेजों का यह बोझ जल्द ही कम होने वाला है। सहारनपुर विश्वविद्यालय शुरू होने वाला है। अब गौतमबुद्ध् विश्वविद्यालय को संबद्धता का अधिकार मिलने के बाद सीसीएसयू के पास करीब 350 कालेज ही बाकी रह जाएंगे। सीसीएसयू से अभी नौ जिलों के कालेज जुड़े हैं। मेरठ के अलावा बागपत, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, गाजियाबाद, गौतमबु्द्धनगर और हापुड़ जिले के कालेज इसमें जुड़े हैं। सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी की तैनाती हो चुकी है। सहारनपुर विवि शुरू होने के बाद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के करीब 300 कालेज सीसीएसयू से निकल जाएंगे। वहीं इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने गौतमबुद्धनगर विश्वविद्यालय को संबद्धता का अधिकार देने का निर्णय भी लिया है। इसके बाद गौतमबुद्धनगर के 75 से अधिक कालेज सीसीएसयू से निकल जाएंगे। अगर गौतमबुद्धनगर विश्वविद्यालय से बुलंदशहर के कालेज भी जुड़ते हैं तो करीब 100 कालेज और सीसीएसयू से बाहर होंगे। हालांकि अभी इस विश्वविद्यालय से कौन से जिले जुड़ेंगे, इसका निर्णय नहीं हुआ है। फिर भी इन दोनों विश्वविद्यालय से कालेजों को संबद्धता मिलने लगेगा तो सीसीएसयू से तीन या चार जिले जुड़े रह सकते हैं। फिलहाल सीसीएसयू से मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और हापुड़ के जिले जुड़े रह सकते हैं।

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सीसीएसयू के सामने चुनौती

यूजीसी के नियमानुसार एक विश्वविद्यालय से 100 कालेज जुड़े रहने चाहिए। लेकिन अभी इस स्थिति तक लाने के लिए कई विश्वविद्यालय की जरूरत होगी। जहां तक सीसीएसयू की बात है तो से एक हजार कालेज से मिलने वाले तमाम तरह के फंड से इसकी वित्तीय सेहत बेहतर रही है। 350 से 400 कालेज होने के बाद तो सीसीएसयू के सामने वित्तीय संकट की स्थिति बन सकती है।

गौतमबुद्धनगर विवि आगे निकलेगा

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजीव गुप्ता का कहना है कि गौतमबुद्धनगर को संबद्धता का अधिकार मिलने के बाद इस विश्वविद्यालय की स्थिति सबसे बेहतर होगी। छात्रों को अधिक विकल्प भी मिलेगा।

किसे जिले में कितने कालेज

मेरठ- 248

बागपत - 60

बुलंदशहर -100

गाजियाबाद- 132

गौतमबुद्धनगर- 74

हापुड़-40

सहारनपुर -130

मुजफ्फरनगर -65

शामली- 24

नोट : इसके अलावा कुछ नए कालेज भी हैं।


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