लॉकडाउन के दौरान 60 फीसद बढ़ गया ऑनलाइन ट्रांजेक्शन Meerut News
लॉकडाउन के दौरान अधिकांश लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं। जानकारों की मानें तो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में 60 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन ने लोगों को ऑनलाइन भुगतान करने का तरीका भी समझा दिया है। मोबाइल रिचार्ज तो पहले से ही लोग करते थे। पहले जो बिजली बिल, बीमा का प्रीमियम, गैस के बिल का भुगतान कैश में करते थे। उसमें से अधिकांश लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने लगे हैं। जानकारों की मानें तो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में 60 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
पेटीएम ने नए फीचर जोड़े
बैंकों के व्यक्तिगत खाताधारक इसका लाभ उठा रहे हैं। भीम एप, पेटीएम, फोन पे सहित बैंकों के मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो रहा है। बैंकों के अनुसार भीम एप का इस्तेमाल अपनों को फंड ट्रांसफर में सबसे अधिक प्रयोग कर रहे हैं। पेटीएम ने अपने भुगतान में कई नए फीचर भी जोड़ दिए हैं। इसमें इंडेन गैस को भी जोड़ा है। पहले यह पेटीएम से बाहर था। शहर के कई स्कूलों में फीस भी ऑनलाइन माध्यमों से करने का विकल्प दिया गया है। बैंकों के यूपीआइ से भी ग्राहक फंड ट्रांसफर कर रहे हैं।
फर्जीवाड़े का तरीका भी बदला
साइबर के जानकार व बैंकर विमल का कहना है ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ गया है। बैंक इसे लेकर मैसेज भेजकर ग्राहकों को सतर्क भी कर रहे हैं। पहले एटीएम से पैसे निकालने की शिकायत थी। बैंक के नाम पर फोन कर खाते की जानकारी लेते थे। अब फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राहकों के मोबाइल पर लिंक भेज रहे हैं। लिंक पर क्लिक करने पर ग्राहकों के मोबाइल की पूरी डिटेल हैक हो जाती है। ओटीपी लेकर अपराधी खाता खाली कर देते हैं।
फर्जीवाड़े में तीन दिन में शिकायत
स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक हरीश वाधवा का कहना है कि अगर किसी ग्राहक के साथ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में फर्जीवाड़ा हो जाए। तो उसे तीन दिन के भीतर बैंक को पूरे प्रमाण के साथ आवेदन कर देना चाहिए। कई बार पेमेंट गेटवे में जो पैसा होता है। उसे ट्रांसफर होने में तीन दिन लगता है। बैंक ग्राहक की शिकायत का सत्यापन कर पैसे की वापसी करा देते हैं। ग्राहकों को सुरक्षित एप के माध्यम से लेनदेन करना चाहिए। पासवर्ड को सिस्टम पर सेव करने से बचना चाहिए।