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कोरोनावायरस के नाम पर ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे अपराधी, जानिए इनसे कैसे बचें Meerut News

Online fraud कोरोनावायरस के नाम लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। इन अपराधियों से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और पुलिस की मदद करनी है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 11:16 AM (IST)
कोरोनावायरस के नाम पर ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे अपराधी, जानिए इनसे कैसे बचें Meerut News
कोरोनावायरस के नाम पर ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे अपराधी, जानिए इनसे कैसे बचें Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Online fraud पूरी दुनिया कोरोना वायरस का उपचार ढूंढने की जद्दोजहद में जुटी है लेकिन साइबर अपराधी ऐसे वक्त में भी ठगी का ताना-बाना बुनने में लगे हैं। आवाजाही बंद है तो ये अपराधी लोगों को कोरोना के नाम पर ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं। झांसा दिया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसके लिए आपको चुना गया है। इसके एवज आपको प्रत्येक माह 1500 रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद मोबाइल पर आया ओटीपी पता करते हैं और खाते से रकम साफ हो जाती है।

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इस तरह कर रहे ठगी

सरधना निवासी महेश ने ऑनलाइन शिकायत में कहा है कि उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया। इसमें कहा गया कि कोविड-19 की वजह से आप घर में हैं तो समय पास करने के लिए हम आपको फ्री आइफोन 11 दे रहे हैं। एसएमएस के साथ एक लिंक भी दिया है। उक्त लिंक पर क्लिक करते ही खाते से 12 हजार रुपये की कटौती हो गई। इसी तरह परतापुर के रणदीप के मोबाइल पर एसएमएस आया कि हमें पैसे भेज दो वरना कोरोना वायरस भेज देंगे। इसी तरह की अन्य ऑनलाइन शिकायतें भी पुलिस के पास पहुंच रही है।

ऐसे बचें साइबर अपराधियों से

इन अपराधियों से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। बकौल एसपी क्राइम रामअर्ज, ऐसी किसी भी साइट पर जल्दबाजी में क्लिक न करें, जिसका नाम कोरोना से संबंधित हो। यदि कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी चाहिए तो सिर्फ अधिकृत वेबसाइट जैसे डब्ल्यूएचओ या सरकारी वेबसाइट्स पर ही जाएं। यह भी समझना चाहिए कि डब्ल्यूएचओ या बड़ी संस्थाएं कभी भी जीमेल या याहू मेल की आइडी का प्रयोग नहीं करती हैं।

इनका कहना है

ठगी की शिकायतों पर पुलिस आइटी एक्ट की धारा 66 के तहत कार्रवाई करती है। काफी लोगों की रकम वापस भी दिलाई जा चुकी है। आनलाइन शिकायतों पर काम किया जा रहा है। कार्रवाई के बाद पीड़ितों को मोबाइल तथा ई-मेल पर जवाब भी भेजा जा रहा है।

- अजय साहनी, एसएसपी 


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