मेरठ में खर्च पूरा और गंगाजल मिल रहा एक चौथाई
341 करोड़ के गंगाजल प्रोजेक्ट का शहर को नहीं मिल पा रहा लाभ। नगर निगम अपने 15
जागरण संवाददाता, मेरठ। जनता की प्यास बुझाने के मकसद से केंद्र सरकार की मदद से 341 करोड़ रुपये से स्थापित गंगाजल प्रोजेक्ट का नौ साल बाद भी शहर को विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन पर नगर निगम हर महीने लगभग 20 लाख रुपया खर्च कर रहा है लेकिन इसके बदले उसे एक चौथाई पानी मिल रहा है।
पैसा हुआ पूरा खर्च, पानी की व्यवस्था आधी
केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम मिशन से शहर को 100 एमएलडी गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए यह प्रोजेक्ट स्वीकृत किया था। यह पानी शहर की मांग का लगभग आधा है लेकिन पूरा पैसा खर्च हो गया।
घटने के बजाय बढ़ गया खर्च
नगर निगम अपने 158 नलकूपों से शहर में पेयजल की आपूर्ति करता है। गंगाजल प्रोजेक्ट का पानी मिलने पर निगम के आधे से ज्यादा नलकूप बंद कर इनके संचालन में लगभग एक करोड़ रुपये मासिक का खर्च कम करना था लेकिन निगम का भार और बढ़ गया। दरअसल, इस प्रोजेक्ट का भोला झाल पर स्थापित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट दो साल से काम कर रहा है। इसके संचालन पर निगम 20 लाख रुपये मासिक से ज्यादा खर्च करता है।
छह में से पांच जलाशय सूखे
प्रोजेक्ट में शहर में छह स्थानों पर भूमिगत जलाशय बनाए थे। गंगाजल सीधे इनमें भरकर जनता को आपूर्ति करना था। इनमें से मात्र एक विकासपुरी जलाशय तक क्षमता से काफी कम पानी पहुंचा है। शेष पांचों जलाशय कूड़े से अटे हैं। इनमें आज तक पानी नहीं पहुंचा है।
खर्च बढ़ा और पानी एक चौथाई
प्रोजेक्ट की क्षमता 100 एमएलडी पानी रोजाना की है लेकिन प्लांट से अभी मात्र 25 एमएलडी पानी ही शहर को मिल रहा है। जल निगम अफसरों का कहना है कि निगम की मांग इतनी ही है।
एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
जल निगम ने गंगाजल प्रोजेक्ट तैयार किया, जिसका संचालन नगर निगम को करना है। प्रोजेक्ट तैयार कर निगम को सौंप दिया है। बंद पड़े पांच भूमिगत जलाशयों में निगम को अपने नलकूपों से पानी भरना है। वहां गंगाजल की लाइन लाने की कोई योजना नहीं है। निगम अफसर जानबूझकर इनका प्रयोग नहीं कर रहे।
मुन्ना सिंह, एक्सईएन जल निगम प्रोजेक्ट अभी अधूरा है। हमने अभी हैंडओवर नहीं लिया है। भूमिगत जलाशय में गंगाजल ही आना है, जिसके लिए जल निगम नई डीपीआर बना रहा है। ओवरहेड टैंक भरकर हम बिना बिजली भी पानी सप्लाई कर देते हैं जबकि भूमिगत जलाशय का इस्तेमाल करने के लिए हर समय बिजली की जरूरत होगी।
सुनील सिंघल, सहायक अभियंता नगर निगम गंगाजल प्रोजेक्ट पर एक नजर
प्रोजेक्ट राशि 341 करोड़
क्षमता 100 एमएलडी (1000 लाख लीटर प्रतिदिन)
आपूर्ति 25 एमएलडी (250 लाख लीटर प्रतिदिन)
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 01
मास्टर पाइप लाइन 80 किमी
सप्लाई लाइन 650 किमी
नए नलकूप 32
नलकूप रीबोर 48
नए भूमिगत जलाशय 06
पुराने भूमिगत जलाशयों का सुधार 03
पुराने जलाशय टाउन हॉल, सर्किट हाउस, पीएल शर्मा स्मारक
नये भूमिगत जलाशय गोलाकुआं, विकासपुरी, माधवपुरम, बच्चापार्क, नौचंदी, शास्त्रीनगर ए ब्लाक
प्लांट संचालन का खर्च www. 32 लाख सालाना