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निराश्रित पशुओं की भूख मिटाने को दौड़े अफसर

लॉकडाउन के दौरान गली-मोहल्लों में रहने वाले कुत्तों शहर में मौजूद बंदर और पक्षियों के लिए भी खाने का संकट खड़ा हो गया है। डर है कि भोजन न मिलने के कारण ये पशु हिसक हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 06:04 AM (IST)
निराश्रित पशुओं की भूख मिटाने को दौड़े अफसर
निराश्रित पशुओं की भूख मिटाने को दौड़े अफसर

मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान गली-मोहल्लों में रहने वाले कुत्तों, शहर में मौजूद बंदर और पक्षियों के लिए भी खाने का संकट खड़ा हो गया है। डर है कि भोजन न मिलने के कारण ये पशु हिसक हो सकते हैं। लिहाजा शासन ने पशुपालन विभाग को अपने स्तर पर तथा सामाजिक संस्थाओं और पशु प्रेमी संगठनों की मदद से इनकी भूख मिटाने का आदेश दिया है। साथ ही रोजाना रिपोर्ट भी मांगी है।

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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कंसल ने बताया कि पशुपालन विभाग के निदेशक के आदेश पर जनपद के सभी पशु चिकित्सालयों के चिकित्सकों तथा पशुधन प्रसार केंद्रों के प्रभारी और स्टाफ को उक्त कार्य में लगा दिया गया है। साथ ही आम जनता से भी कुत्तों, बंदरों को जितना हो सके खाना खिलाने और पक्षियों को दाना डालने की अपील की गई है।

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24 मार्च से कुत्तों को खाना खिला रही एनिमल केयर

मेरठ : निराश्रित घायल पशुओं का पिछले कई वर्षों से इलाज कर रही एनिमल केयर सोसायटी भी लॉकडाउन के दौरान भूख से तड़प रहे निराश्रित जानवरों को 24 मार्च से खाना खिलाने में जुटी है। सोसायटी के महासचिव अंशुमाली वशिष्ठ ने बताया कि सोसाइटी के सदस्य शहर भर में सड़कों पर घूम रहे जानवरों को खाना खिलाने का काम कर रही है। इस टीम में स्वीटी वशिष्ठ, अनिल शर्मा, अभिषेक शर्मा और संध्या शर्मा शामिल हैं। भूसे की कालाबाजारी खत्म करने का दावा

मेरठ : शहर में भूसा मंडी में भूसे की कीमत 800 रुपये से बढ़कर 1400 रुपये तक जा पहुंची थी। जिला प्रशासन के साथ-साथ शासन को भी कालाबाजारी की ये शिकायतें मिली थी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अनिल कंसल ने बताया कि उन्होंने भूसा एवं हरा चारा विक्रेताओं को नोटिस जारी किया था। इसके अलावा भूसा मंडी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की। जिसमें अध्यक्ष प्रदीप सिंह तथा महामंत्री रोहित मलिक ने हरियाणा और अन्य राज्यों से भूसा लाने वाले वाहनों के मेरठ न आ पाने की समस्या बताई थी। डा. कंसल ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से सभी भूसा व्यापारियों को उनके वाहनों के प्रवेश पास जारी कराए गए हैं, जिसके बाद जनपद में भूसे की उपलब्धता बढ़ गई। अब भूसा व्यापारियों ने अपने दाम फिर से 800 रुपये तक कर दिए हैं।


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