पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषितों से खाली, नहीं पहुंच रहे अतिकुपोशित बच्चे
बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने सरकार पोषण आहार से लेकर उपचार तक की सेवाएं मुहैया करा रही है, लेकिन मेरठ में अतिकुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं। यह हकीकत प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल से सामने आई है।
मेरठ : बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने सरकार पोषण आहार से लेकर उपचार तक की सेवाएं मुहैया करा रही है, लेकिन मेरठ में अतिकुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं। यह हकीकत प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल से सामने आई है।
नवंबर महीने के दस ग्यारह दिन बीत चुके हैं। जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में अभी तक एक भी कुपोषित बच्चे की भर्ती नहीं हुई है। जबकि कुपोषितों को रखने के लिए एनआरसी में दस बेड हैं। दो डॉक्टर और स्टॉफ नर्स की तैनाती है। उपचार सहित पोषण आहार की व्यवस्था भी है। इसके बावजूद एनआरसी खाली पड़ा है। एनआरसी में मौजूद स्टॉफ नर्स ने बताया कि पांच नवंबर को दो कुपोषित बच्चे अहद और रोशनी को डिस्चार्ज किया गया था। जो अक्टूबर में भर्ती हुए थे। इसके बाद से नए कुपोषित बच्चों के आने की राह देख रहे हैं। स्टॉफ नर्स ने बताया कि अक्टूबर में कुल नौ बच्चे भर्ती हुए थे। हैरानी की बात ये है कि पोषण पुनर्वास केंद्र से करीब 30 कुपोषित बच्चों को फालोअप में बुलाया गया था। उनके परिजनों को दोबारा बच्चे का परीक्षण कराने के लिए तारीखें दी गई थीं। लेकिन फालोअप में भी एक भी कुपोषित नहीं पहुंचा है।
सीडीओ को लिखा पत्र
पीएल शर्मा जिला अस्पताल प्रबंधन ने सीडीओ को पत्र लिखा है। जिसमें जानकारी दी गई है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से अतिकुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं भेजे जा रही हैं। सीएमओ कार्यालय को भी यह जानकारी दी गई है।
इनकी है जिम्मेदारी
अतिकुपोषित बच्चों को चिंहित कर उनको पोषण पुनर्वास केंद्र तक भेजने की जिम्मेदारी एएनएम और आशा कार्यकर्ता की है। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भी भूमिका तय है। लेकिन पोषण पुनर्वास केंद्र खाली होने का स्पष्ट सकेंत है कि कुपोषण अभियान को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है।
इन्होंने कहा..
एनआरसी में एक भी अतिकुपोषित बच्चा भर्ती नही हैं। सीडीओ और सीएमओ को पत्र भेजकर अवगत कराया गया है। हमारी जिम्मेदारी सिर्फ उपचार और उन्हें पौष्टिक आहार प्रदान करने की है।
- डॉ. एसके कौशिक, सीएमएस प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल।