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पोषण पुनर्वास केंद्र को हुआ 'कुपोषण'

मेरठ कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। ढेर सारी योजना

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 06:00 AM (IST)
पोषण पुनर्वास केंद्र को हुआ 'कुपोषण'
पोषण पुनर्वास केंद्र को हुआ 'कुपोषण'

मेरठ : कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। ढेर सारी योजनाएं हैं, इसके बावजूद भी कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। हालात ये हैं कि पोषण पुनर्वास केंद्र खुद 'कुपोषण' के शिकार हो गए हैं। यह हम नहीं, बल्कि आंकड़े बयां कर रहे हैं। फरवरी में अब तक जिले के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल दो केंद्रों ने दो बच्चे ही जिला अस्पताल में भर्ती कराए हैं।

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शुक्रवार को दैनिक जागरण ने प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र का जायजा लिया तो चौकाने वाली स्थिति सामने आई। केंद्र में 10 बेड मौजूद हैं। दो डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ दवाओं और पोषण आहार की पर्याप्त व्यवस्था भी है। लेकिन यहां कुपोषित बच्चे मौजूद नहीं हैं। हालात ये हैं कि फरवरी के 22 दिनों में केवल पांच कुपोषित ही यहां भर्ती किए गए हैं। इनमें एक दौराला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एक किला परीक्षितगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आया था। जबकि तीन कुपोषित पीएल शर्मा जिला अस्पताल की ओपीडी से भर्ती किए गए थे। मालूम हो कि जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिह्नित कुपोषित बच्चों को पीएल शर्मा जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने के निर्देश हैं। ताकि इनका उपचार कर कुपोषण के चलते अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों से उनको बचाया जा सके। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से ही कुपोषित बच्चे नहीं भेजे जा रहे हैं।

आला अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान

कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने की जिम्मेदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की है। लेकिन लगातार लापरवाही बरतने पर भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते कुपोषण दूर करने की सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। इन्होंने कहा--

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कुपोषित बच्चे क्यों नहीं भेजे जा रहे हैं, इसकी जानकारी ली जाएगी। लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. राजकुमार, सीएमओ पोषण पुनर्वास केंद्र में जो संसाधन होने चाहिए, सभी मौजूद हैं। डॉक्टर भी नियमित सेवाएं दे रहे हैं। कुपोषित बच्चे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से कम भेजे जा रहे हैं।

-डॉ. पीके बंसल, प्रमुख अधीक्षक, पीएल शर्मा जिला अस्पताल


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