अब रफ्तार पकड़ेगा रैपिड रेल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम Meerut News
कांवड़ यात्रा और बारिश के कारण धीमे पड़े तीन प्रोजेक्ट रैपिड रेल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे का निर्माण कार्य अब गति पकड़ेगा।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 01:55 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 04:00 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ जनपद में निर्माणाधीन विकास योजनाएं अब रफ्तार पकड़ेंगी। कांवड़ यात्रा के दौरान रैपिड रेल, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे का कार्य प्रभावित हुआ था। लेकिन, अब इन सभी पर युद्धगति से काम करने और लक्ष्य के मुताबिक समय से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इसे लेकर शासन और कमिश्नर दोनों स्तर से समीक्षा बैठकों के कार्यक्रम भी जारी कर दिये गए हैं।
रैपिड चलाने के लिए लक्ष्य वर्ष 2024
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के चतुर्थ चरण में मेरठ के परतापुर से लेकर डासना तक मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अक्टूबर 2019 लक्ष्य निर्धारित किया गया है। काफी हद तक काम भी किया जा चुका है। एक दो स्थानों पर जमीन पर कब्जा मिलने की समस्या थी। इसी प्रकार दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के प्रोजेक्ट का कार्य भी शुरू हो गया है। मेरठ शहर में इसके लिए मिट्टी परीक्षण का काम लगभग पूरा होने वाला है। रैपिड रेल चलाने के लिए लक्ष्य वर्ष 2024 है। जबकि मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे-235 का कार्य पूरा करने में विलंब हो रहा है।
कांवड़ यात्रा और बारिश ने प्रभावित किया काम
केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को जुलाई 2019 में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, अब इसके वर्ष 2020 तक पूरे होने की आशंका है। मेरठ से जुड़े तीनों प्रोजेक्ट केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। जिनके लिए हर महीने मुख्य सचिव खुद समीक्षा करते हैं। तीनों प्रोजेक्ट की गति को कांवड़ यात्रा और बरसात ने प्रभावित किया है। लेकिन, अब शासन और प्रशासन इनमें कोई लापरवाही नहीं चाहता। उच्चाधिकारियों का प्रयास है कि तीनों प्रोजेक्ट जल्द से जल्द और समय से पूरे कर लिए जायें। गति देने के लिए मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को बैठक बुलाई है। फिलहाल रैपिड रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा होगी।
प्रोजेक्ट को गति देने के लिए मंडलायुक्त ने बुलाई बैठक
मंडलायुक्त मेरठ अनीता सी मेश्राम ने भी तीनों प्रोजेक्ट को गति देने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई है। समीक्षा बैठक 17 अगस्त को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सभागार में होगी। मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे के संबंध में बैठक के लिए मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ के डीएम, मुख्य अभियंता सिंचाई (गंगा) मेरठ क्षेत्र, मुख्य अभियंता उ.प्र. पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन तथा एनएचएआइ के परियोजना निदेशक को बुलाया गया है। एक्सप्रेस-वे की समीक्षा को डीएम, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, वन संरक्षक, एसएसपी गाजियाबाद, आवास विकास परिषद के संयुक्त आयुक्त मेरठ, जल निगम के मुख्य अभियंता को बुलाया गया है।
गिट्टी रहित ट्रैक पर ही दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
हाईस्पीड रैपिड रेल के लिए गिट्टी रहित (ब्लास्टलेस) ट्रैक तैयार होगा। ट्रैक का डिजाइन व स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने सिस्टम प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया है। दिल्ली व लखनऊ मेट्रो के ट्रैक भी गिट्टी रहित हैं। यहां तक कि कुछ साल में चलने वाली बुलेट ट्रेन भी गिट्टी रहित ट्रैक पर ही दौड़ेगी। 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली रैपिड रेल भी इसी तरह के ट्रैक पर दौड़ेगी। इस तकनीक को अत्याधुनिक माना जाता है और रेलवे के गिट्टी वाले ट्रैक की तरह इसकी सफाई व ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत नहीं आती। हालांकि यह ट्रैक काफी महंगा होता है।
ई-निविदा जारी की गई
एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर ट्रैक बनता है और आधुनिक तकनीक से लैस होता है। इसलिए हाईस्पीड ट्रेनों के लिए ही ऐसे ट्रैक बनाए जा रहे हैं। बुधवार को इस तरह के ट्रैक को बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसमें डिजाइन व ट्रैक निर्माण आदि कार्य शामिल हैं। यह टेंडर दिल्ली से लेकर मोदीपुरम तक यानी 82 किमी की दूरी तक ट्रैक बनाने के लिए निकाला गया है। इसमें एलिवेटेड और भूमिगत दोनों स्टेशनों के लिए ट्रैक शामिल हैं। यानी एक ही कंपनी दिल्ली से लेकर मोदीपुरम तक गिट्टी रहित ट्रैक बनाएगी। गौरतलब है कि दुहाई से साहिबाबाद के बीच 17 किमी तक 2023 में रैपिड रेल चलाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर शर्मा ने बताया कि गिट्टी रहित ट्रैक निर्माण से संबंधित सिस्टम प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए ई-निविदा जारी की गई है।
इनका कहना है
तीनों प्रोजेक्ट केंद्र और प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले हैं। सभी को समय से पूरा कराना चुनौती है। अभी तक कार्य की गति ठीक थी लेकिन, मौसम और कांवड़ यात्र में काम प्रभावित हुआ है। इस प्रभाव को अब दोगुनी गति से काम कराकर समाप्त कराना है। 17 को हमने तथा 21 को मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई है।
- अनीता सी मेश्राम, मंडलायुक्त
सीसीटीवी लगने शुरू हुए
एनएच-235 की रफ्तार बारिश और मुआवजे ने धीमी कर दी है। जिस कारण निश्चित समय तक इसे बनाना नामुमकिन है। लेकिन राजमार्ग पर हर दो किमी पर कैमरे और डिवाइडर के मध्य पौधे लगाने की तैयारी आरंभ हो गई है। बुधवार को खरखौदा क्षेत्र में कर्मचारियों द्वारा केबिल डाला गया। कैमरों को टोल प्लाजा से जोड़कर वहीं केन्द्र बनाया जाएगा। मेरठ से बुलंदशहर एनएच-235 पर प्रत्येक दो किमी पर सीसीटीवी कैमरे और 62 किमी लंबे राजमार्ग पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। निर्माण कंपनी द्वारा ही हाईवे पर डिवाइडर के बीच में पौधे भी लगाएं जाएंगे। बुधवार को खरखौदा क्षेत्र में निर्माणाधीन कंपनी के कर्मचारियों ने मशीन से खुदाई करके केबिल डालने कार्य शुरू कर दिया।
इनका कहना है
खरखौदा क्षेत्र में मशीन से खुदाई कर केबिल डालने का कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही कैमरे और पौधे लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
- एसके मिश्र, उप प्रबंधक, एपको निर्माण कंपनी
रैपिड चलाने के लिए लक्ष्य वर्ष 2024
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के चतुर्थ चरण में मेरठ के परतापुर से लेकर डासना तक मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अक्टूबर 2019 लक्ष्य निर्धारित किया गया है। काफी हद तक काम भी किया जा चुका है। एक दो स्थानों पर जमीन पर कब्जा मिलने की समस्या थी। इसी प्रकार दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के प्रोजेक्ट का कार्य भी शुरू हो गया है। मेरठ शहर में इसके लिए मिट्टी परीक्षण का काम लगभग पूरा होने वाला है। रैपिड रेल चलाने के लिए लक्ष्य वर्ष 2024 है। जबकि मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे-235 का कार्य पूरा करने में विलंब हो रहा है।
कांवड़ यात्रा और बारिश ने प्रभावित किया काम
केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को जुलाई 2019 में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, अब इसके वर्ष 2020 तक पूरे होने की आशंका है। मेरठ से जुड़े तीनों प्रोजेक्ट केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। जिनके लिए हर महीने मुख्य सचिव खुद समीक्षा करते हैं। तीनों प्रोजेक्ट की गति को कांवड़ यात्रा और बरसात ने प्रभावित किया है। लेकिन, अब शासन और प्रशासन इनमें कोई लापरवाही नहीं चाहता। उच्चाधिकारियों का प्रयास है कि तीनों प्रोजेक्ट जल्द से जल्द और समय से पूरे कर लिए जायें। गति देने के लिए मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को बैठक बुलाई है। फिलहाल रैपिड रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा होगी।
प्रोजेक्ट को गति देने के लिए मंडलायुक्त ने बुलाई बैठक
मंडलायुक्त मेरठ अनीता सी मेश्राम ने भी तीनों प्रोजेक्ट को गति देने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई है। समीक्षा बैठक 17 अगस्त को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सभागार में होगी। मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाइवे के संबंध में बैठक के लिए मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ के डीएम, मुख्य अभियंता सिंचाई (गंगा) मेरठ क्षेत्र, मुख्य अभियंता उ.प्र. पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन तथा एनएचएआइ के परियोजना निदेशक को बुलाया गया है। एक्सप्रेस-वे की समीक्षा को डीएम, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, वन संरक्षक, एसएसपी गाजियाबाद, आवास विकास परिषद के संयुक्त आयुक्त मेरठ, जल निगम के मुख्य अभियंता को बुलाया गया है।
गिट्टी रहित ट्रैक पर ही दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
हाईस्पीड रैपिड रेल के लिए गिट्टी रहित (ब्लास्टलेस) ट्रैक तैयार होगा। ट्रैक का डिजाइन व स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने सिस्टम प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया है। दिल्ली व लखनऊ मेट्रो के ट्रैक भी गिट्टी रहित हैं। यहां तक कि कुछ साल में चलने वाली बुलेट ट्रेन भी गिट्टी रहित ट्रैक पर ही दौड़ेगी। 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली रैपिड रेल भी इसी तरह के ट्रैक पर दौड़ेगी। इस तकनीक को अत्याधुनिक माना जाता है और रेलवे के गिट्टी वाले ट्रैक की तरह इसकी सफाई व ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत नहीं आती। हालांकि यह ट्रैक काफी महंगा होता है।
ई-निविदा जारी की गई
एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर ट्रैक बनता है और आधुनिक तकनीक से लैस होता है। इसलिए हाईस्पीड ट्रेनों के लिए ही ऐसे ट्रैक बनाए जा रहे हैं। बुधवार को इस तरह के ट्रैक को बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है। इसमें डिजाइन व ट्रैक निर्माण आदि कार्य शामिल हैं। यह टेंडर दिल्ली से लेकर मोदीपुरम तक यानी 82 किमी की दूरी तक ट्रैक बनाने के लिए निकाला गया है। इसमें एलिवेटेड और भूमिगत दोनों स्टेशनों के लिए ट्रैक शामिल हैं। यानी एक ही कंपनी दिल्ली से लेकर मोदीपुरम तक गिट्टी रहित ट्रैक बनाएगी। गौरतलब है कि दुहाई से साहिबाबाद के बीच 17 किमी तक 2023 में रैपिड रेल चलाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा है। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर शर्मा ने बताया कि गिट्टी रहित ट्रैक निर्माण से संबंधित सिस्टम प्रोवाइडर की नियुक्ति के लिए ई-निविदा जारी की गई है।
इनका कहना है
तीनों प्रोजेक्ट केंद्र और प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले हैं। सभी को समय से पूरा कराना चुनौती है। अभी तक कार्य की गति ठीक थी लेकिन, मौसम और कांवड़ यात्र में काम प्रभावित हुआ है। इस प्रभाव को अब दोगुनी गति से काम कराकर समाप्त कराना है। 17 को हमने तथा 21 को मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई है।
- अनीता सी मेश्राम, मंडलायुक्त
सीसीटीवी लगने शुरू हुए
एनएच-235 की रफ्तार बारिश और मुआवजे ने धीमी कर दी है। जिस कारण निश्चित समय तक इसे बनाना नामुमकिन है। लेकिन राजमार्ग पर हर दो किमी पर कैमरे और डिवाइडर के मध्य पौधे लगाने की तैयारी आरंभ हो गई है। बुधवार को खरखौदा क्षेत्र में कर्मचारियों द्वारा केबिल डाला गया। कैमरों को टोल प्लाजा से जोड़कर वहीं केन्द्र बनाया जाएगा। मेरठ से बुलंदशहर एनएच-235 पर प्रत्येक दो किमी पर सीसीटीवी कैमरे और 62 किमी लंबे राजमार्ग पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। निर्माण कंपनी द्वारा ही हाईवे पर डिवाइडर के बीच में पौधे भी लगाएं जाएंगे। बुधवार को खरखौदा क्षेत्र में निर्माणाधीन कंपनी के कर्मचारियों ने मशीन से खुदाई करके केबिल डालने कार्य शुरू कर दिया।
इनका कहना है
खरखौदा क्षेत्र में मशीन से खुदाई कर केबिल डालने का कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही कैमरे और पौधे लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
- एसके मिश्र, उप प्रबंधक, एपको निर्माण कंपनी
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें