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मरीज से बात करते-करते अब दिमाग का आपेरशन

मेडिकल साइंस ने समय के साथ तेजी से तरक्की की है। पहले जहां ब्रेन टयूमर समेत अन्य आपरेशनों के लिए मरीज को बेहोश करना पड़ता था वहीं अब अवेक सर्जरी यानी मरीज से बातचीत करते हुए आपरेशन कर दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:00 AM (IST)
मरीज से बात करते-करते अब दिमाग का आपेरशन
मरीज से बात करते-करते अब दिमाग का आपेरशन

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल साइंस ने समय के साथ तेजी से तरक्की की है। पहले जहां ब्रेन टयूमर समेत अन्य आपरेशनों के लिए मरीज को बेहोश करना पड़ता था, वहीं अब अवेक सर्जरी यानी मरीज से बातचीत करते हुए आपरेशन कर दिया जाता है। इससे आपरेशन से मरीज में विकलांगता या किसी कोशिका के नष्ट होने का खतरा नहीं रह जाता। मेडिकल कॉलेज में आयोजित यूपी-यूके न्यूरोकान में अंतिम दिन रविवार को फोर्टिस नोएडा से आए डा. राहुल गुप्ता ने न्यूरोसर्जरी की नई तकनीकों की जानकारी दी। डा. राहुल गुप्ता ने बताया कि मरीज जागता रहता है तो उससे हाथ उठवाकर देख लिया जाता है कि किसी अंग पर कोई असर तो नहीं पड़ रहा। एमआरआई को कंप्यूटर में डालकर लाइव सर्जरी आसानी से की जाती है। इंडोस्कोपी के जरिए अब दिमाग की छोटी-छोटी सर्जरी की जा रही है।

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न्यूरोविशेषज्ञों ने बताया कि एक खास की किस्म की दवा डालकर दिमाग में टयूमर की पहचान की जा रही है। फ्लोरोसेंस में टयूमर अलग दिखने लगता है। अब दूरबीन के बढ़ते प्रयोग की भी जानकारी दी गई। एम्स ऋषिकेश से आए डा. जितेंद्र चतुर्वेदी ने दूरबीन विधि से नस के गुच्छों के आपरेशन के बारे में बताया। लुधियाना से आए डा. तुषार अरोरा ने बताया कि चेहरे के दर्द से निजात पाने के लिए दूरबीन द्वारा सर्जरी बहुत ही सुरक्षित तथा कारगर है। रोगी एक-दो दिन में ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। दिल्ली एलएनजेपी अस्पताल से न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनुतोस सिंह ने बताया कि स्पाइन की सर्जरी दूरबीन विधि से की जा रही है। इसमें बहुत कम दर्द होता है। स्पाइन में दर्द, चोट और सर्जरी की नई तकनीकों पर डाक्टरों ने प्रकाश डाला। कहा कि नई पीढ़ी के उठने बैठने एवं ड्राइ्रविंग के तरीकों से असर पड़ा है। बच्चों में ज्यादा स्पाइन सर्जरी करनी पड़ रही है। डॉक्टर विनोद अरोड़ा ,भूपेंद्र चौधरी, डॉक्टर संजय शर्मा ,डॉक्टर अरुण शर्मा ,डॉक्टर रोहित गर्ग, डॉ आलोक गुप्ता, डा. रोहित काबोज ,डॉक्टर भावना तोमर, डॉ अजय गुप्ता ,डॉ उदयभारती गुप्ता, डॉ पदम चेट्टी, डॉ अभिनव बंसल उपस्थित रहे। कांफ्रेंस में डॉक्टर संजय शर्मा एवं डॉ अखिल प्रकाश का विशेष योगदान रहा। अंत में आयोजन समिति ने सभी आगंतुकों का आभार जताया।


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