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अब नहीं लगेगा शहर में जाम, NHAI बनाएगा इनर रिंग रोड Meerut News

राजमार्ग प्राधिकरण लोनिवि व कमिश्नर की ओर से पत्र मिलने पर इनर रिंग रोड का प्रस्ताव खुद बनाने में जुटा है। इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट की परिकल्पना वर्ष 2001 में बनी थी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 03:03 PM (IST)
अब नहीं लगेगा शहर में जाम, NHAI बनाएगा इनर रिंग रोड Meerut News
अब नहीं लगेगा शहर में जाम, NHAI बनाएगा इनर रिंग रोड Meerut News

मेरठ, जेएनएन। जाम से हांफते शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। शहर को जाम से मुक्त कर देने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना इनर रिंग रोड अब सपने की बात नहीं रह जाएगी। क्योंकि इसे बनाने की हामी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने भरी है। यही नहीं, एनएचएआइ ने इसका प्रस्ताव बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

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गौरतलब है कि इनर रिंग रोड को बनाने के लिए एक तरफ जहां कमिश्नर अनीता सी मेश्रम ने प्रस्ताव बनवाया था और एनएचएआइ के अधिकारियों को बुलाकर इसे बनाने की जिम्मेदारी लेने को कहा था। कमिश्नर के निर्देश पर एनएचएआइ के बागपत कार्यालय के माध्यम से प्रस्ताव दिल्ली मुख्यालय भी भिजवाया गया था। वहीं, दूसरी तरफ सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी इसके लिए शासन से लेकर मुख्यमंत्री तक बात की। इसे लेकर पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ओर से एनएचएआइ के अध्यक्ष को पत्र भी लिखा गया था। एमडीए के वीसी राजेश पांडेय ने बताया कि मेरठ में इनर रिंग रोड बनाने के लिए पत्रों को प्राप्त करने के बाद सहमति दे दी है। अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार एनएचएआइ ने प्रस्ताव बनाने की भी तैयारी शुरू कर दी है।

एमडीए और लोक निर्माण विभाग ने खड़े कर दिए थे हाथ

इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट की परिकल्पना वर्ष 2001 में बनी थी। इसके एक साल बाद 68 मीटर चौड़ी और 34 किमी. लंबी इनर रिंग रोड की अधिसूचना जारी हुई। पहले इसे एमडीए को बनाना था, लेकिन बाद में इसकी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई। लोनिवि ने प्रोजेक्ट शासन को भेजा, लेकिन वहां से इसे हरी झंडी नहीं मिली। इसके पहले चरण पर कुल 495 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। एमडीए ने यह बताया था कि उसके पास पूंजी नहीं है, जबकि पीडब्ल्यूडी को पूंजी शासन से मांगनी पड़ती है। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव शासन को भेजा, लेकिन अनुमति नहीं मिली।

34 किलोमीटर या 16, यह अभी स्पष्ट नहीं

वैसे तो इनर रिंग रोड की कुल लंबाई 34 किमी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे दो चरणों में बनाने की बात हमेशा की गई। पहले चरण में 16 किमी रखा गया है, यह गढ़ रोड पर काली नदी के पुल केपास से हापुड़ रोड पर जाहिदपुर गांव के सामने से जुर्रानपुर और नरहेड़ा के जंगल से होते हुए दिल्ली रोड को क्रॉस कर गांव पूठा में आइओसीएल के तेल डिपो के बराबर वाली सड़क से एनएच-58 को लिंक करेगी। इसका ही प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। दूसरा चरण 18 किलोमीटर का है। गढ़ रोड पर काली नदी पुल के पास से किला रोड होते हुए रजपुरा रजवाहे के किनारे से रुड़की रोड पर सिवाया गांव के आगे पहुंचाएगा।

फ्लाईओवर के सर्वे मिनट्स तैयार

बच्चा पार्क से सदर तहसील तक एलिवेटेड रोड (फ्लाईओवर) बनाने के लिए हाल ही में डीएम ने फिर से सर्वे कराया था। सेतु निगम ने सर्वे मिनट्स तैयार करके सोमवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्रम व डीएम अनिल ढींगरा को सौंप दिए।

डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर एमडीए के चीफ इंजीनियर, सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता समेत संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम ने सर्वे किया था। टीम के सर्वे में दो एलाइनमेंट सामने आए। पहला एलाइनमेंट यह कि एलिवेटेड रोड सीधा बनाया जाए। दूसरा यह कि अंग्रेजी के वाय आकार का बनाया जाए। टीम के मिनट्स में दोनों एलाइनमेंट का जिक्र किया गया है। हालांकि इसमें सीधे एलानइमेंट को ही उपयोग बताया गया है। मिनट्स के आधार पर डीएम यदि प्रस्ताव नए सिरे से तैयार करने को कहेंगे तो उसे बदला जाएगा अन्यथा पुराने प्रस्ताव पर ही आगे बढ़ा जाएगा।

40 करोड़ का था पिछला प्रस्ताव

अक्टूबर-2018 में डीएम अनिल ढींगरा की पहल पर तय हुआ था कि बच्चा रोड से सदर तहसील तक 650 मीटर लंबी और 7.5 मीटर चौड़ी यह एलिवेटेड रोड बनेगी। इसका प्रस्ताव 40 करोड़ रुपये का था। इस प्रस्ताव में फ्लाईओवर को सीधा बनाने की बात थी, लेकिन पिछले साल नवंबर में टीम ने निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट दी कि नाला पटरी पर अतिक्रमण की वजह से पिलर नहीं बनाए जा सकते। इस रिपोर्ट से डीएम संतुष्ट नहीं हुए और अब उन्होंने दोबारा निरीक्षण कराया गया।

अधिग्रहण होना है, इसलिए एनएचएआइ के पाले में गेंद

दरअसल, मुख्य पेच जमीन अधिग्रहण का है। यदि एनएचएआइ इसकी जिम्मेदारी लेता है तो उसके लिए अधिग्रहण आसान होगा और बजट भी आसानी से बन जाएगा। 


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