अब ईएमई वर्कशॉप को बंद कर रही सेना
मेरठ : मिलिट्री फार्म को बंद करने के बाद अब सेना की ओर से इलेक्ट्रो मैकेनिकल इंजीनिय¨रग या
मेरठ : मिलिट्री फार्म को बंद करने के बाद अब सेना की ओर से इलेक्ट्रो मैकेनिकल इंजीनिय¨रग यानी स्टेशन वर्कशॉप ईएमई को भी बंद किया जा रहा है। छावनी स्थित यह स्टेशन वर्कशॉप 30 सितंबर को बंद कर दिया जाएगा। यहां सेना के वाहनों व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिपेय¨रग व रखरखाव का कार्य बंद कर दिया गया है। इसमें कार्यरत 23 सिविलियन व अन्य सैन्य कर्मचारियों को 510 आर्मी बेस वर्कशॉप मेरठ व दूसरी शाखाओं में भेजा जा रहा है। इसके बंद होने के बाद सेना के तमाम रिपेय¨रग काम सिविल से कराए जाएंगे।
पहले चरण की प्रक्रिया शुरू
देश भर में सेना के 31 स्टेशन वर्कशॉप ईएमई विभिन्न छावनियों में हैं। दिल्ली और पुणे के वर्कशॉप को छोड़कर शेष 29 वर्कशॉप स्टेशनों को दो चरणों में बंद करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 14 वर्कशॉप 30 सितंबर तक बंद किए जा रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में मेरठ स्टेशन वर्कशॉप ईएमई के अलावा बरेली, आगरा, इलाहाबाद और कानपुर यूनिट बंद होंगी। इनके साथ ही बालासोर, चेन्नई, गुहाटी, जोरहट, खड़गवासला, पानागढ़, पठानकोट, रामगढ़ और रुड़की के स्टेशन वर्कशॉप भी शामिल हैं। इनके अलावा 15 स्टेशनों को 31 मार्च 2019 तक बंद कर दिया जाएगा। इन यूनिटों के करीब 450 कर्मचारियों को विभिन्न आर्मी बेस वर्कशॉप और ईएमई बटालियन में भेजा जा रहा है।
रिपेयर होते थे वाहन व उपकरण
इस स्टेशन वर्कशॉप में सेना के ट्रक, बस, चार पहिया, दुपहिया वाहनों की सर्विस, रिपेय¨रग व रखरखाव होता रहा है। इसके अलावा विभिन्न यूनिटों व सेना के कार्यालयों में इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर, जीरॉक्स मशीन, प्रोजेक्टर आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की रिपेय¨रग व सर्विसिंग की जाती थी। इसके साथ ही सैनिक अस्पताल मेरठ के काफी इलेक्ट्रिकल उपकरणों को इसी वर्कशॉप में रिपेयर किया जाता था। एसआर और इंसास जैसे हथियारों की सर्विस व मेंटनेंस भी की जाती थी।
76 साल तक दी सेवाएं
स्टेशन वर्कशॉप ईएमई मेरठ की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान एक मई 1942 को हुई थी। इसके बाद 31 दिसंबर 1976, 31 अक्टूबर 1978, एक मई 1997 और 31 जनवरी 2000 को वर्कशॉप की क्षमता को कम किया गया। एक जनवरी 2012 को इसे पूर्ण स्टेशन वर्कशॉप का दर्जा मिला और अब 30 सितंबर 2018 को इसे बंद किया जा रहा है। यहां एक समय 40 से अधिक सैन्य इंजीनियर्स और उतने ही सिविल कर्मचारी थे। कमान अधिकारी ने जारी की सूचना
स्टेशन वर्कशॉप के कमान अधिकारी ने सूचना जारी कर किसी व्यक्ति, फर्म, कार्यालय व संस्थाओं को बकाया या भुगतान को समाप्त करने को कहा है। इस बाबत 28 सितंबर तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद न कोई आवेदन स्वीकार होगा न बकाया भुगतान होगा।
जारी रहेगा बंद करने का सिलसिला
शेकतकर समिति की ओर से दिए गए सुझावों को अमल करते हुए सेना की ओर से 65 सुझावों को लागू किया जा रहा है। इसमें करीब 57 हजार सैन्य अफसरों को विभिन्न विभागों में तैनाती की बजाय इंफैंट्री बटालियनों में तैनाती देते हुए समर्थक यूनिटों को बंद कर करीब 25 हजार करोड़ रुपये बचाया जाएगा। इस कड़ी में मिलिट्री फार्म, ईएमई स्टेशन वर्कशॉप के अलावा पीस एरिया के आर्मी पोस्ट ऑफिस, ऑर्डिनेंस, सप्लाई डिपो और आर्मी बेस वर्कशॉप भी सूची में शामिल हैं जिन्हें दूसरे चरण में बंद किया जाएगा।