कुत्ते पालने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है...
छावनी क्षेत्र में लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं। गंदगी आदि के कारण पालतू कुत्ते भी परेशानी का सबब बने हैं। अब बोर्ड इन समस्याओं को देखते हुए बड़ा कदम उठा रहा है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 03:39 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 03:39 PM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। अभी तक छावनी में हर तरफ कुत्ते आवारा हैं, लेकिन नए साल में छावनी में कोई भी कुत्ता आवारा नहीं रहेगा। छावनी परिषद लोगों की शिकायतों को देखते हुए पालतू कुत्तों के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने जा रहा है। इसमें पालतू कुत्ते रखने वाले को कैंट बोर्ड से डॉग लाइसेंस लेना पड़ेगा। साथ ही कैंट बोर्ड आवारा कुत्तों की नसबंदी कराकर उनकी आबादी को नियंत्रित करने जा रहा है। इसके अलावा आवारा कुत्तों को एंटी रैबीज का इंजेक्शन भी लगाया जाएगा। जल्द ही कैंट बोर्ड इसके लिए टेंडर जारी करेगा।
आवारा कुत्तों से परेशान लोग
छावनी क्षेत्र में जहां आवारा कुत्तों की वजह से लोग परेशान हैं। आए दिन कोई न कोई इन कुत्तों का शिकार हो रहा है, तो दूसरी ओर छावनी क्षेत्र में बहुत से लोग पालतू कुत्तों की वजह से भी परेशान हैं। कई लोग घरों में कुत्ता पालते हैं, जिसकी गंदगी दूसरे के घरों के सामने डाल रहे हैं। इसकी शिकायत लोगों ने कैंट बोर्ड से की है। लोगों की लगातार शिकायतों को देखते हुए कैंट बोर्ड पालतू कुत्ते के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने जा रहा है। कैंट एक्ट में इसका प्रावधान है, जो काफी सालों से बंद पड़ा है। अब पालतू कुत्ते के मालिक को कैंट बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद उन्हें इसका लाइसेंस मिलेगा।
आवारा कुत्तों के लिए एनजीओ की सहायता
छावनी क्षेत्र में पालतू कुत्तों से अधिक आवारा कुत्तों की समस्या है। सदर, रजबन, लालकुर्ती, बांबे बाजार, मछेरान आदि क्षेत्रों में सबसे अधिक आवारा कुत्तों का आतंक है। छावनी परिषद ने तीन साल पहले आवारा कुत्तों को पकड़कर छावनी सीमा से बाहर करने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। कैंट बोर्ड ने इसके लिए अधिकृत एनजीओ से संपर्क किया है।
कानूनी प्रावधान के तहत ही उठाए जाएंगे कदम
कैंट बोर्ड सीईओ प्रसाद चव्हाण ने बताया कि अभी तक छावनी में पालतू कुत्तों का कोई रिकार्ड नहीं है। पालतू कुत्तों से भी गंदगी फैलने की शिकायत मिल रही है। इसलिए नियमानुसार इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। जिससे पता चल सके कि छावनी में कितने घरों में पालतू कुत्ते हैं। इससे उनके ऑनर को भी साफ-सफाई को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए एनजीओ से संपर्क किया गया है। कानून में जो प्रावधान है उसके तहत कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाकर छोड़ा जाएगा। ताकि इससे लोगों को कोई खतरा न हो।
आवारा कुत्तों से परेशान लोग
छावनी क्षेत्र में जहां आवारा कुत्तों की वजह से लोग परेशान हैं। आए दिन कोई न कोई इन कुत्तों का शिकार हो रहा है, तो दूसरी ओर छावनी क्षेत्र में बहुत से लोग पालतू कुत्तों की वजह से भी परेशान हैं। कई लोग घरों में कुत्ता पालते हैं, जिसकी गंदगी दूसरे के घरों के सामने डाल रहे हैं। इसकी शिकायत लोगों ने कैंट बोर्ड से की है। लोगों की लगातार शिकायतों को देखते हुए कैंट बोर्ड पालतू कुत्ते के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने जा रहा है। कैंट एक्ट में इसका प्रावधान है, जो काफी सालों से बंद पड़ा है। अब पालतू कुत्ते के मालिक को कैंट बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद उन्हें इसका लाइसेंस मिलेगा।
आवारा कुत्तों के लिए एनजीओ की सहायता
छावनी क्षेत्र में पालतू कुत्तों से अधिक आवारा कुत्तों की समस्या है। सदर, रजबन, लालकुर्ती, बांबे बाजार, मछेरान आदि क्षेत्रों में सबसे अधिक आवारा कुत्तों का आतंक है। छावनी परिषद ने तीन साल पहले आवारा कुत्तों को पकड़कर छावनी सीमा से बाहर करने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। कैंट बोर्ड ने इसके लिए अधिकृत एनजीओ से संपर्क किया है।
कानूनी प्रावधान के तहत ही उठाए जाएंगे कदम
कैंट बोर्ड सीईओ प्रसाद चव्हाण ने बताया कि अभी तक छावनी में पालतू कुत्तों का कोई रिकार्ड नहीं है। पालतू कुत्तों से भी गंदगी फैलने की शिकायत मिल रही है। इसलिए नियमानुसार इनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। जिससे पता चल सके कि छावनी में कितने घरों में पालतू कुत्ते हैं। इससे उनके ऑनर को भी साफ-सफाई को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए एनजीओ से संपर्क किया गया है। कानून में जो प्रावधान है उसके तहत कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाकर छोड़ा जाएगा। ताकि इससे लोगों को कोई खतरा न हो।
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