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अब रंगरूट भी पढ़ेंगे आइपीसी व स्वतंत्रता संग्राम का पाठ

दंगा नियंत्रण के दौरान क्या करना होगा? घटना के बाद फारेंसिक तथ्यों की जानकारी कैसे लेनी होगी? साइबर अपराध रोकने के लिए क्या करना होगा?

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 06:13 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:13 AM (IST)
अब रंगरूट भी पढ़ेंगे आइपीसी व स्वतंत्रता संग्राम का पाठ
अब रंगरूट भी पढ़ेंगे आइपीसी व स्वतंत्रता संग्राम का पाठ

मेरठ, जेएनएन। दंगा नियंत्रण के दौरान क्या करना होगा? घटना के बाद फारेंसिक तथ्यों की जानकारी कैसे लेनी होगी? साइबर अपराध रोकने के लिए क्या करना होगा? ऐसे सवालों के जवाब और इनसे जुड़े अध्याय प्रदेश की कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रंगरूटों को खास तौर पर पढ़ाई जाएगी। उसके लिए तीन आइपीएस अफसरों को तैयार किया गया है, जो समय समय पर रंगरूटों को अपने पाठ्यक्रम की जानकारी देंगे। ताकि पुलिस की रीढ़ कहे जाने वाले सिपाही को मजबूत बनाया जा सकें।

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रिजर्व पुलिस लाइन में तीन सौ रंगरूटों की ट्रेनिग चल रही है। स्थानीय स्तर पर उसमें नया कोर्स जोड़ा जा रहा है। रंगरूटों के पाठ्यक्रम में 1957 के स्वतंत्रा संग्राम से लेकर देश की आजादी 15 अगस्त 1947 तक का इतिहास पढ़ाया जाएगा। बाल गंगाधर तिलक, पंडित मदन मोहन मालवीय, महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आंदोलन में भूमिका के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही फारेंसिक जांच के बारे में भी विस्तार से पढ़ाया जाएगा। उसके अलावा साइबर अपराध के बारे में साइबर सेल प्रभारी को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तीन आइपीएस अफसर कृष्ण विश्नोई, इरज राजा और सूरज राय को भी रंगरूटों की पढ़ाई में लगाया जाएगा। इरज राजा ने बताया कि कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रंगरूटों को दंगा नियंत्रण के बारे में पढ़ाया जाएगा। तीर्थ और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के बारे में भी रंगरूटों को जानकारी दी जाएगी। उसके अलावा उन्हें औघड़नाथ मंदिर, पूरा महादेव मंदिर, हस्तिनापुर में ले जाकर सुरक्षा की रिहसर्ल कराई जाएगी।

हैदराबाद और मुरादाबाद की तर्ज पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे

इस बार रंगरूटों के लिए मुरादाबाद और हैदराबाद पुलिस अकादमी की तरह सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराए जाएंगे। साथ ही खेल प्रतियोगिता भी आयोजित होंगी। उनके इस पाठ्यक्रम को कराने की जिम्मेदारी आइपीएस इरज राजा को सौंपी गई है। इरज राजा ने बताया कि दिसंबर से नया पाठ्यक्रम शुरू करा दिया जाएगा।

क्या होगा इसका असर

एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि रंगरूटों के ट्रेनिग पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता आंदोलन को शामिल करने से नई पीढ़ी को भी इतिहास की जानकारी मिलेगी। साथ ही खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम से उनका मनोबल बढ़ेगा। साइबर अपराध बढ़ रहा है। इसलिए ज्यादातर कांस्टेबलों को साइबर की जानकारी होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद सबसे पहले कांस्टेबल ही मौके पर पहुंचता है। ऐसे में कांस्टेबल को फारेंसिक जांच की जानकारी होनी चाहिए। ताकि वह क्राइमसीन को सुरक्षित रख सकें।


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