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Pulwama Terror Attack : अब निशाने पर आए वेस्ट यूपी में छिपे दहशतगर्द

पुलवामा हमले के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक बार पुन: अलर्ट पर है। यहां से दहशतगर्दों का पुराना नाता रहा है। सुरक्षा एजें‍सियां यहां संदिग्ध गतिविधियों को लेकर चौकन्ना हो गई हैं।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:21 AM (IST)
Pulwama Terror Attack : अब निशाने पर आए वेस्ट यूपी में छिपे दहशतगर्द
Pulwama Terror Attack : अब निशाने पर आए वेस्ट यूपी में छिपे दहशतगर्द
मेरठ, [योगेन्द्र सागर]। पुलवामा कांड के बाद सीमा पर सैन्य कार्रवाई तेजी से चल रही है। ऐसे हालातों में देश में छिपे दहशतगर्दो का काउंटर अटैक का अंदेशा भी जताया जा रहा है। पश्चिम से दहशतगर्दो का पुराना नाता है। ऐसे में एक बार फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट पर है। यहां पनाह लिए दहशतगर्द सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। इसके अलावा पुलिस भी सतर्कता बरत रही है। अंदेशा जताया जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों की छापामारी कभी भी शुरू हो सकती है।
आतंक का कनेक्शन किसी ने नहीं छिपा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आतंक का कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है। गत 15 वषों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से 21 आतंकी और 50 जासूस पकड़े जा चुके हैं। वर्ष 2015 में मेरठ से आइएसआइ एजेंट के पकड़े जाने के बाद आतंकी गतिविधियां शांत थीं। दहशतगर्द पश्चिम छोड़ गए हैं,ऐसा माना जा रहा था। लेकिन वर्ष 2018 में पश्चिम में एक बार फिर आतंक की दस्तक सुनाई दी। अक्टूबर में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला फौजी कंचन गिरफ्तार हुआ तो दिसंबर में आइएसआइएस के आतंकी मॉड्यूल ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ से पश्चिम का कनेक्शन सामने आया। 
किठौर क्षेत्र में गिरफ्तार हुए थे दो संदिग्ध 
जनवरी 2019 में एनआइए ने किठौर क्षेत्र से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। पुलवामा में आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के बाद एक बार फिर देश हाई अलर्ट पर है। सभी स्तर पर आतंक के खात्मे की दिशा में काम तेज हो गया है। इसी कड़ी में आतंकियों की पनाहगार कहे जाने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेसियों की कदमताल भी शुरू हो गई है।
पूर्व में पकड़े गए आतंकी व संदिग्ध
  • 30 अप्रैल 2001 : पाकिस्तान से ट्रेंड एक आतंकी को हापुड़ के मदरसे से पकड़ा
  • 01 मई 2001 : सहारनपुर से आइएसआइ एजेंट पकड़ा गया।
  • 08 जनवरी 2002 : गाजियाबाद में आइएसआइ एजेंट को मुठभेड़ में मार गिराया।
  • 22 मार्च 2002 : हापुड़ से लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकी पकड़े गए।
  • 09 जून 2002 : मुरादाबाद से हिजबुल मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी गिरफ्तार।
  • 15 जुलाई 2002 : मुजफ्फरनगर से आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार।
  • 14 मार्च 2003 : मुजफ्फरनगर से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी सज्जाद और इत्तफाकुल गिरफ्तार।
  • 18 अप्रैल 2004 : मेरठ से रूबी बेगम नामक आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार।
  • 2004 : बुलंदशहर के सिकंदराबाद में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी पकड़े
  • 2005 : बुलंदशहर के स्याना से पाकिस्तान का जासूस डॉक्टर पकड़ा।
  • 10 मार्च 2005 : मेरठ से खलील हुसैन शाह नाम का आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार।
  • 23 अगस्त 2005 : लश्कर-ए-तैयबा चीफ कोआर्डिनेटर अबु रच्जाक मसूद का मुजफ्फरनगर कनेक्शन।
  • 21 जून 2007 : बिजनौर में भारी मात्र में आरडीएक्स के साथ हूजी के दो आतंकी गिरफ्तार।
  • 12 दिसंबर 2008 : मेरठ सीआरपीएफ कैंप हमले से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा का फहीम अंसारी गिरफ्तार।
  • 10 जनवरी 2009 : सहारनपुर से आइएसआइ एजेंट आमिर अहमद उर्फ भूरा गिरफ्तार।
  • 16 अगस्त 2014 : मेरठ से संदिग्ध आइएसआइ एजेंट आसिफ अली गिरफ्तार।
  • 27 नवंबर 2015 : मेरठ में आईएसआई एजेंट एजाज को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
  •     अक्टूबर 2018 : मेरठ में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला फौजी कंचन गिरफ्तार
  • 26 दिसंबर 2018 : आइएस के मॉड्यूल से जुड़ा वैट हापुड़ निवाली मौलाना साकिब गिरफ्तार।
  • 04 जनवरी 2018 : आइएस के मॉड्यूल से जुड़ा राधना निवासी नईम गिरफ्तार।
  • 11 जनवरी 2018 : आइएस के मॉड्यूल से जुड़ा जसौरा निवासी अफसार गिरफ्तार
    इनका कहना है
    सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ पुलिस ने भी पश्चिम में कई मॉड्यूल का राजफाश किया है। पुलवामा कांड के बाद पुलिस पूरी तरह सतर्क है। हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। कोई भी इनपुट मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों को सूचित कर हर संभव सहयोग किया जाएगा।
    -प्रशांत कुमार,एडीजी मेरठ जोन

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