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डीएम ने दिया मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को अधिकार, अब सीवीओ पास करेंगे पंचायत कर्मियों का वेतन

राहत पंचायत विभाग के कर्मियों के लिए राहत की खबर। डीएम राज कमल यादव ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. रमेश चंद्र को पंचायत विभाग 350 कर्मियों का वेतन आहरित करने का अधिकार दिया है। डीएम ने दिया मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को अधिकार।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 03:33 PM (IST)
डीएम ने दिया मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को अधिकार, अब सीवीओ पास करेंगे पंचायत कर्मियों का वेतन
सीवीओ पास करेंगे पंचायत कर्मियों का वेतन।

बागपत, जेएनएन। पंचायत विभाग के कर्मियों के लिए राहत की खबर। डीएम राज कमल यादव ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. रमेश चंद्र को पंचायत विभाग 350 कर्मियों का वेतन आहरित करने का अधिकार दिया है। इससे अब वेतन पास कराने को मेरठ या किसी जिलों की और नहीं दौड़ना पड़ेगा।

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चंद रोज पूर्व बागपत में अमित कुमार त्यागी को जिला पंचायत राज अधिकारी नियुक्त हुए लेकिन उनके पास वित्तीय अधिकार नहीं है। इससे 300 से ज्यादा सफाई कर्मियों, 46 पंचायत सचिवों, एडीओ व संविदा कर्मियों के वेतन का संकट खड़ा हो जाता।

वेतन बिल पास कराने को उप निदेशक पंचायत या अन्य जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय की और दौड़ लगानी पड़ती जिससे वेतन भुगतान में विलंब होता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को पंचायत कर्मियों व अधिकारियों का वेतन आहरित करने का अधिकार दिया है। इससे पंचायत कर्मियों की चिंता खत्म हो गई है।

गौरतलब है कि गत चार माह को छोड़ दें तो पिछले कई साल तक बागपत में बिना वित्तीय अधिकार वाले जिला पंचायत राज अधिकारी नियुक्त होने से वेतन बिल मेरठ व बुलंदशहर के अधिकारियों से पास होकर आते जिससे वेतन भुगतान में कई सप्ताह का विलंब होना आम बात थी।

दूसरों विभागों की मेहरबानी पर

कुछ विभागों में तो अपने अधिकारी ही नहीं हैं। बाल पुष्टाहार के जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन मैत्रेय को युवा कल्याण विभाग, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी तूलिका शर्मा को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, महिला कल्याण विभाग व बचत विभाग का कार्य देखतीं हैं। आजीविका मिशन उपायुक्त ब्रजभूषण सिंह को जिला विकास अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी संदीप पाल को जिला कृषि रक्षा अधिकारी और उप कृषि निदेशक प्रशांत कुमार को जिला कृषि अधिकारी का काम देखना पड़ता है। तीन बीडीओ के पद रिक्त हैं जिनका चार्ज दूसरे विभागों के अधिकारियों पास है। साफ है कि अधिकारियों की कमी से विभागों में कार्य प्रभावित होता रहता है।

24 साल से अधिकारी का इंतजार

वर्ष 1997 में जिला बना लेकिन आज तक महिला कल्याण विभाग को अपना जिला प्रोबेशन अधिकारी नियुक्त नहीं मिला। दूसरे विभागों के अधिकारियों को जिला प्रोबेशन अधिकारी का चार्ज मिलता रहता है।

इनका कहना है... 

विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर अधिकारी तैनात कराने को उच्चाधिकारियों को लिखेंगे। अधिकारियों की कमी के बावजूद कार्य प्रभावित नहीं होने देते।

-रंजीत सिंह, सीडीओ

 


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