कोरोना मरीजों का गुपचुप उपचार करने वाले अस्पतालों को नोटिस जल्द, इतने किए गए चिह्नित Meerut News
मेरठ में प्रशासन को पता चला कि कई निजी अस्पताल गुपचुप मरीजों का उपचार कर रहे थे। उनकी समय पर जांच नहीं करायी। स्थिति बिगड़ी तो मेडिकल रेफर किया गया। नोटिस जारी होंगे।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना मरीजों का गुपचुप उपचार करने वाले प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रूख अपनाया है। चिह्नित किए गए सभी अस्पतालों को नोटिस दिया जाएगा। डीएम के. बालाजी ने पिछले एक सप्ताह में कोरोना से हुई लोगों की मौत की गहनता से पड़ताल कराई। जांच के बिंदू थे किस कारण मौत हुई? मेडिकल से पूर्व मरीज कहां भर्ती था? कितने दिन वहां रहा, कब उसकी जांच कराई गई। मेडिकल कालेज में कितने दिन बाद रेफर किया गया।
आधा दर्जन से अधिक अस्पताल चिह्नित
इसमें पता चला कि कई निजी अस्पताल गुपचुप मरीजों का उपचार कर रहे थे। उनकी समय पर जांच नहीं करायी। स्थिति बिगड़ी तो मेडिकल रेफर किया गया। यदि समय रहते मरीज की कोरोना जांच हो जाती और उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। डीएम ने ऐसे सभी अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब करने के निर्देश दिये हैं। अभी तक आधा दर्जन से अधिक अस्पताल चिह्नित हुए हैं।
डीएम ने किया मेडिकल का निरीक्षण
डीएम के. बालाजी ने रविवार को सुबह 10 बजे मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नए कोविड वार्ड को देखा। कोरोना मरीजों का हाल चाल जाना। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह से ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि अभी 48 घंटे के लिए ऑक्सीजन का बैकअप है। उन्होंने और बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने मेडिकल में 50 आइसोलेशन बैड भी बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।
इनका कहना है
जिन अस्पतालों ने कोरोना मरीजों की समय पर जांच नहीं करायी। उन्हें उपचार के लिए मेडिकल कालेज नहीं भेजा। ऐसे सभी अस्पतालों को चिन्हित कर नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गए हैं।
- के. बालाजी, डीएम