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बैठक में नहीं आने पर औषधि निरीक्षकों को नोटिस, बाट-माप अधिकारी का वेतन रोका

बैठक में नहीं आने पर औषधि निरीक्षकों को नोटिस बाट माप अधिकारी का वेतन रोका मेरठ

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 09:55 AM (IST)
बैठक में नहीं आने पर औषधि निरीक्षकों को नोटिस, बाट-माप अधिकारी का वेतन रोका
बैठक में नहीं आने पर औषधि निरीक्षकों को नोटिस, बाट-माप अधिकारी का वेतन रोका

बैठक में नहीं आने पर औषधि निरीक्षकों को नोटिस, बाट माप अधिकारी का वेतन रोका

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मेरठ,जेएनएन। विकास भवन सभागार में मंगलवार को व्यापार बंधुओं की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा कर समस्या के निदान पर मंथन हुआ। बैठक में बेगमपुल जीरो माइल पर प्रस्तावित रैपिड रेल स्टेशन के दायरे में आने से गड्डा मार्केट के लगभग 50 दुकानदारों को कैंट बोर्ड अन्य स्थान पर दुकानें उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। बैठक से गायब रहने पर डीएम ने औषधि निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस व बाट माप अधिकारी मवाना का वेतन रोकने के निर्देश दिए।

डीएम के. बालाजी की अध्यक्षता में हुई व्यापार बंधुओं की बैठक में 26 बिंदुओं पर चर्चा हुई। डीएम ने कहा कि व्यापारियों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। बैठक में गांव बराल परतापुर में गंदे पानी की निकासी के निस्तारण, शिव चौक छीपी टैंक चौराहे पर पेशाब घर निर्माण कराने, लिसाड़ी गेट चौराहे से पिलोखड़ी के पुल तक सड़क की मरम्मत कराने, जवाहर क्वार्टर्स मथुरा पैलेस की पश्चिम दिशा में नाले पर निíमत सार्वजनिक शौचालय का ताला खुलवाने आदि की मांग रखी गई। डीएम ने बैठक में रखे गए बिंदुओं पर संबंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा की और की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी लेकर निस्तारण के लिए निर्देशित किया। बैठक में बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन आदि ने भी अपनी मांगों को रखा। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह, उपायुक्त प्रशासन वाणिज्य कर विभाग विक्रम अजित, व्यापारियों में विष्णु दत्त पराशर, अकरम गाजी, रजनीश कौशल, विनेश जैन, मुदित मांगलिक, विपिन कंसल, दीपक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

व्यापारियों को मिलेंगी 50 दुकानें

बेगमपुल जीरो माइल के पास प्रस्तावित रैपिड रेल स्टेशन के दायरे में आने से गड्डा मार्केट की लगभग 50 दुकानों को हटाया जाएगा। दुकानदार पिछले काफी समय से दुकान उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। हटाए जाने वाले दुकानदारों को कैंट बोर्ड द्वारा अन्य स्थान पर दुकानें उपलब्ध कराने पर सहमति बनी।


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