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सरकारी एप आपको दिलाएगी एम्‍स में बेड, लाखों लोगों की स्क्रीनिंग से खोजे जाएंगे ये मरीज

आयुष्मान भारत सेहत को बड़ा तोहफा देगी। ज‍िले में शुगर कैंसर किडनी हार्ट बीपी स्ट्रोक एवं मनोरोग के मरीज तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में एनसीडी सेल मरीजों को घर-घर खोजेगी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 12:19 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 12:19 PM (IST)
सरकारी एप आपको दिलाएगी एम्‍स में बेड, लाखों लोगों की स्क्रीनिंग से खोजे जाएंगे ये मरीज
सरकारी एप आपको दिलाएगी एम्‍स में बेड, लाखों लोगों की स्क्रीनिंग से खोजे जाएंगे ये मरीज

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। अगर आप हार्ट, किडनी, शुगर, स्ट्रोक व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से ग्रस्त हैं, और बड़े अस्पतालों में भर्ती नहीं मिल रही है तो सरकारी एप मदद कर सकता है। आयुष्मान भारत के अंतर्गत संचालित एनसीडी एप मरीजों को जिला अस्पताल से लेकर एम्स तक में सीधे बेड दिलाएगा। गैर संक्रामक रोगों को वक्त पर पकड़ने के लिए जिले में करीब 2.62 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

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30 साल वाले सभी कराएं जांच

आयुष्मान भारत सेहत को बड़ा तोहफा देगी। विभाग की रिपोर्ट बताती है कि जिले में शुगर, कैंसर, किडनी, हार्ट, बीपी, स्ट्रोक एवं मनोरोग के मरीज तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में नान कम्युनिकेबल डिसीज-यानी एनसीडी सेल मरीजों को घर-घर खोजेगी। पहले चरण में जिले के 20 अर्बन और 25 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर 15 फरवरी तक नियमित रूप से स्क्रीनिंग होगी। 30 वर्ष से ज्यादा उम्र के मरीजों की पूरी फाइल बनाकर एनसीडी एप पर लोड की जाएगी। एप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज और दिल्ली के सभी सरकारी चिकित्सालय जोड़े जाएंगे।

एप पर ही लिखी जाएंगी दवाएं

मरीजों को ओपीडी में पहुंचने से लेकर आपरेशन तक कराने की सूचना समय पर मिलेगी। अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ेगा। डाक्टर, आशा वर्कर, एएनएम भी एप से जुड़े रहेंगे। मरीज एक बार स्वास्थ्य केंद्र जाएगा, उसके बाद एप के जरिए उसकी दवाएं बताई जाएंगी। एसीएमओ डा. एसएस चौधरी ने स्क्रीनिंग में रोजाना की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। अगर किसी के घर में दो से ज्यादा शुगर, कैंसर, हार्ट या स्ट्रोक के मरीज मिले तो डाक्टर पूरी जांच करेंगे। प्रशिक्षित टीम एक माह तक रोजाना स्क्रीनिंग करेगी।

गैर संक्रामक रोगों के खतरनाक सूचकांक

  • औद्योगिक कचरा, प्लास्टिक, पेंट, कीटनाशक, रसायन व प्रदूषण से हार्ट, कैंसर व किडनी के मरीज तेजी से बढ़े हैं।
  • रक्तचाप, मोटापा व शुगर से युवाओं में भी हार्ट की बीमारी बढ़ी है। सर्दियों में बड़ी संख्या में ब्रेन अटैक पड़ा।
  • काली नदी, छह नालों व हैंडपंप के पानी में क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम, सीसा, पारा, मालिब्डेनम मिलने से कैंसर का खतरा बढ़ा।

इन्‍होंने बताया

मेरठ में करीब 12 प्रतिशत लोगों को शुगर है। ये किडनी व दिल के बीमारी की बड़ी वजह है। प्रति लाख आबादी में 135-150 लोगों में कैंसर मिला, जो देश में सर्वाधिक है। एंजायटी, मानसिक तनाव, डिप्रेशन बढ़ा है। एनसीडी कैंप में स्क्रीनिंग कर मरीजों का इलाज जिला अस्पताल से लेकर एम्स तक में कराया जाएगा।

- डा. राजकुमार, सीएमओ


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