Coronavirus: मेरठ मेडिकल कॉलेज में अब गाजियाबाद के मरीजों की नो-एंट्री, जानिए किस वजह से उठाया कदम Meerut News
गाजियाबाद के मरीजों की मौत की दर सबसे ज्यादा मिली। शासन की टीम ने साफ किया कि गाजियाबाद के मरीजों को अपने जिले के एल-3 चिकित्सा केंद्रों में इलाज कराना होगा।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Coronavirus 438 भर्ती कोरोना मरीजों में 96 की मौत..यानी करीब 22 फीसद मरीजों की मौत। मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड का ये आंकड़ा वाकई डराने वाला है। लखनऊ की टीम ने मेडिकल कालेज में दिनभर मरीजों की केस हिस्ट्री की गहनता से जांच की। कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। 23 मरीजों की स्थिति बेहद गंभीर होने पर उनके परिजन सीधे मेडिकल कालेज भर्ती कराने पहुंचे थे। बड़ी संख्या में मरीजों ने अपने मन से मेडिकल स्टोर से लेकर दवाएं ली थीं। गाजियाबाद के मरीजों की मौत की दर सबसे ज्यादा मिली। शासन की टीम ने साफ किया कि गाजियाबाद के मरीजों को अपने जिले के एल-3 चिकित्सा केंद्रों में इलाज कराना होगा। मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम जल्द इस आशय का पत्र गाजियाबाद को जारी करेंगी।
21 रेफर किए गए मरीज भर्ती थे
जिले के नोडल अधिकारी व आबकारी आयुक्त पी. गुरु प्रसाद और केजीएमयू के काíडयोलोजी विभाग के प्रोफेसर डा. शरत चंद्रा की टीम ने दो दिनों के दौरान मेडिकल कालेज में हुई मौतों का विश्लेषण किया। पता चला कि अब तक 96 मौतों में से दो तिहाई मरीजों की मौत भर्ती करने के 48 घंटों के अंदर हुई, जिसमें मेडिकल कालेज प्रशासन को संभलने का मौका नहीं मिला। 21 मरीजों को जिलों के विभिन्न अस्पतालों में स्थिति बिगड़ने पर मेडिकल कालेज रेफर किया गया था। दर्जनभर मरीजों के इलाज में छह घंटे का भी वक्त नहीं मिला। गाजियाबाद के 19 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि टीम ने मेडिकल के डॉक्टरों के आंक़ड़ों पर भरोसे से पहले पड़ताल की। टीम ने मंगलवार को चार मृतकों के स्वजनों से मुलाकात की थी। सीएमओ और सिटी मजिस्ट्रेट के जरिए 30 मृतकों के घर वालों को फोनकर बीमारी की पूरी हिस्ट्री ली गई।
वेंटीलेटर पर अब तक 53 मरीज, एक भी नहीं बच पाए
शासन की टीम ने मेडिकल कालेज के डाक्टरों के प्रबंधन पर भी सवाल उठाए। प्रदेश के कई मेडिकल कालेजों और सुभारती मेडिकल कालेज में भी वंटीलेटर पर गए कोरोना मरीज बचे हैं, किंतु मेरठ मेडिकल कालेज में एक भी नहीं बचाया जा सका। पड़ताल की जा रही है कि मरीजों के प्रबंधन में कोई कमी तो नहीं रह गई थी?
इन आंकड़ों से जानेंगे मौत की वजह
22 मरीजों की भर्ती करने के 12 घंटे के अंदर मौत
11 मरीजों ने 11 से 24 घंटे के अंदर दम तोड़ा
26 मरीजों की भर्ती करने के 48 घंटे के अंदर मौत
24 मरीजों की तीन से सात दिनों में हुई मौत
छह मरीजों की सात दिनों बाद मौत हुई
जिला>>भर्ती मरीज>>मौत
मेरठ>>240>>47
गाजियाबाद>>47>>19
हापुड़>>20>>06
बुलंदशहर>>55>>05