Religion Conversion Case: नितिन को सहारनपुर छोड़ गई एटीएस, सरकारी गवाह बना, मौलाना कलीम के इन देशों तक बताए संबंध
नैनीताल निवासी नितिन पंत का भी मौलाना कलीम के इशारे पर मतांतरण कराया गया था। बाद में वह हिंदू धर्म में वापस आ गया था। विश्व अखाड़ा परिषद सहारनपुर के राष्ट्रीय सचिव निपुण भारद्वाज की देखरेख में वह अखाड़ा के आश्रम में रह रहा है।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। मतांतरण के मामले में पूछताछ के लिए लखनऊ ले जाए गए नितिन पंत को एटीएस के जवान रविवार को सहारनपुर छोड़ गए। एटीएस ने 16 दिन तक उससे पूछताछ की। नितिन पंत की मानें तो उसे सरकारी गवाह बनाया गया है। उसके मजिस्ट्रेट के सामने भी कई बार बयान हुए हैं। नितिन पंत के इनपुट पर एटीएस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
यह है मामला
नैनीताल (उत्तराखंड) के तल्लीताल निवासी नितिन पंत पुत्र देवेंद्र पंत का भी मौलाना कलीम के इशारे पर मतांतरण कराया गया था। बाद में वह हिंदू धर्म में वापस आ गया था और विश्व अखाड़ा परिषद सहारनपुर के राष्ट्रीय सचिव निपुण भारद्वाज की देखरेख में विश्व अखाड़ा आश्रम में रह रहा है। नितिन पंत ने 22 सितंबर को बताया था कि मौलाना कलीम ने उसे सहारनपुर के भी कई मदरसों में रखा था। 24 सितंबर की रात एटीएस नितिन पंत को सहारनपुर से लेकर लखनऊ चली गई थी। वहां से लौटने के बाद नितिन पंत ने बताया कि उसने एटीएस को बताया है कि फुलत के मदरसे में अकरम नाम का व्यक्ति सारा हिसाब रखता है। एटीएस ने अकरम को मदरसे से उठाकर उसका लैपटाप व अन्य सामान बरामद किया। लैपटाप से मिले सुबूत के आधार पर एटीएस ने दिल्ली के रोहिणी से सरफराज जाफरी को उठाया था। बाद में दोनों को कोर्ट में पेश कर दिया था।
नितिन पंत को बनाया गया मुख्य गवाह
विश्व अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय सचिव निपुण भारद्वाज का कहना है कि एटीएस ने वैसे तो 10 से 15 गवाह मौलाना कलीम के खिलाफ खड़े किए हैं, लेकिन नितिन पंत को मुख्य गवाह बनाया गया है। नितिन ने मजिस्ट्रेट के सामने साफ कहा है कि मौलाना कलीम के कहने पर मतांतरण हो रहे थे।
कलीम के पाकिस्तान-अफगानिस्तान तक बताए संबंध
नितिन पंत का कहना है कि मौलाना कलीम के संबंध दूसरे देशों से हैं। उसे कुछ संगठन पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी फंडिंग करते हैं। यह सुबूत एटीएस को अकरम के लैपटाप में मिले हैं।