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एनएचएआई ने बौद्ध मंदिर परिसर को किया ध्वस्त

एनएचएआई की जमीन पर बौद्ध मंदिर वषरें से स्थापित था, जहा पर हाईवे का हिस्सा भी काफी तंग है। इस कारण वहां बहुत दुर्घटनाएं होती थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 05:00 PM (IST)
एनएचएआई ने बौद्ध मंदिर परिसर को किया ध्वस्त
एनएचएआई ने बौद्ध मंदिर परिसर को किया ध्वस्त

मेरठ। कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के हाईवे पर दयामपुर कट के पास स्थित बौद्ध मंदिर के परिसर को एनएचएआई की टीम ने ध्वस्त कर दिया। मंदिर की देखरेख करने वाले लोग टीम के पहुंचने से पहले ही फरार हो गए। एनएचएआई ने वीडियोग्राफी कराकर बौद्ध मंदिर परिसर को ध्वस्त किया है। मंदिर का गुंबद और परिसर में पहले से लगी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा भी खड़ी है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान सीओ दौराला पंकज कुमार सिंह एसीएम अमिताभ यादव और इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा दीपक शर्मा पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे। एनएचएआई की जमीन पर बौद्ध मंदिर वषरें से स्थापित था, जहा पर हाईवे का हिस्सा भी काफी तंग बना हुआ है। इस जगह पर आए दिन सड़क हादसे हो रहे थे। जिसके बाद एनएचएआई ने इस जगह पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू कराने के लिए नक्शा तैयार किया। इसी कड़ी में एनएचएआई ने बौद्ध मंदिर के संचालकों से बातचीत कर मुआवजे के रूप में उनको करीब 13 लाख 50 हजार रुपए उनके खाते में ट्रासफर कर दिए थे। उसके बावजूद संचालक मंदिर को नहीं हटा पा रहे थे। हर बार संचालकों की तरफ से एनएचएआई और पुलिस प्रशासन के अफसरों को समय दिया जा रहा था। सोमवार को एनएचएआई के वेस्टर्न रेलवे कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीधर नारायण के नेतृत्व में एनएचएआई की टीम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची। मगर उससे पहले ही मंदिर संचालक वहा से जा चुके थे। कई बार फोन पर बातचीत कर उनको भुलाने के लिए कहा गया, मगर वह नहीं आए। इसके बाद वीडियो ग्राफी कराते हुए एनएचआई की टीम ने मंदिर परिसर को ध्वस्त किया। साथ ही वहां लगी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को उतारकर ट्रॉली में रखवा दिया गया है। वेस्टर्न रेलवे कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्रीधर नारायण का कहना है कि करीब साढे 13 लाख 50 हजार रुपये मंदिर संचालकों को मुआवजा के रूप में दिये जा चुके हैं। उसके बावजूद वो कब्जा नहीं छोड़ रहे थे। कई बार नोटिस भी दिया गया। आज की धस्तिकरण की कार्यवाही के बारे में भी मंदिर संचालकों को नोटिस के अलावा फोन पर भी जानकारी दी गई थी। वीडियोग्राफी के साथ धस्तिकरण की कार्रवाई की गई।

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