धर्मातरण मामले में नया मोड़, दूसरे पक्ष ने खारिज किए आरोप
अस्पताल संचालक द्वारा ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालने के आरोपों के मामले में नया मोड़ आया है। गुरुवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे दूसरे पक्ष ने धर्मातरण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर खाली कराने के लिए कहा गया था, जिसको सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है।
मेरठ । अस्पताल संचालक द्वारा ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालने के आरोपों के मामले में नया मोड़ आया है। गुरुवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे दूसरे पक्ष ने धर्मातरण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर खाली कराने के लिए कहा गया था, जिसको सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है।
साकेत स्थित संत लूक्स अस्पताल के डायरेक्टर पर सिख समाज के लोगों ने धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप लगाया था। उन्होंने बुधवार को एसएसपी कार्यालय पहुंच कार्रवाई की माग की। बजरंग दल व विहिप पदाधिकारियों ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में गुरबचन सिंह सेठी सन् 1988 से मेडिकल स्टोर चलाते हैं। उन पर अस्पताल के डायरेक्टर फादर सहाय राज गुरबचन सिंह पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाल रहे हैं। इस मामले को लेकर गुरुवार को फादर सहाय राज अन्य लोगों के साथ डीआइजी अखिलेश कुमार से मिले।
उन्होंने बताया कि अगस्त-2018 में गुरबचन सिंह को मेडिकल स्टोर खाली करने को कहा गया था। क्योंकि, अस्पताल अपना स्टोर खोलना चाहता है। गुरबचन सिंह ने दिसंबर-2018 तक का समय मांगा, जो अस्पताल प्रबंधन ने दिया। इसके बाद गुरबचन सिंह न्यायालय चले गए। यह मामला अभी विचाराधीन है। धर्मातरण कराने के आरोप निराधार हैं। यदि ऐसा होता तो अस्पताल में गैर धर्मो के लोग काम नहीं कर रहे होते। अनावश्यक सांप्रदायिक रंग देकर शहर की फिजा खराब करने की कोशिश की जा रही है। डीआइजी ने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। इस मौके पर फादर जॉन चिन्मन, फादर टाइटस, अखिल कौशिक, संजय जैक्सन, रोबिन, राजेश मार्टिन, संजय, रविंदर, सुनील दास, आशु, मोमिन, नौशाद अली आदि शामिल रहे।