सर्वोत्तम रहा आर्मी नोड के दिलीप का 'टाइअप'
आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में सोमवार को शुरू हुई नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप के एलिमेंटरी ड्रेसाज में आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड विजेता रहा।
मेरठ : आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज में सोमवार को शुरू हुई नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप के एलिमेंटरी ड्रेसाज में आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड विजेता रहा। आरवीसी के अंतर्गत संचालित आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड के घुड़सवारों ने व्यक्तिगत और टीम इवेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए ट्राफी पर कब्जा किया। एलिमेंट्री ड्रेसाज के व्यक्तिगत इवेंट में आर्मी नोड के दफेदार दिलीप कुमार ने अपने पार्टनर घोड़े टाइअप के साथ उम्दा प्रदर्शन किया। दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश स्टेट इक्वेस्ट्रियन एकेडमी के फराज खान व हरिकेन, तीसरे स्थान पर भी आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड के राइडर नायब रिसालदार अंकुश कुमार व अर्जुन और चौथे स्थान पर आर्टी के ले. कर्नल राज संग्राम सिंह व रैंबर्ट विजेता रहे।
टीम इवेंट में दिखा अनुशासन
ड्रेसाज के टीम इवेंट में सभी साथी घुड़सवारों का संतुलित प्रदर्शन ही अंतिम रिजल्ट दर्शाता है। टीम इवेंट में भी आर्मी इक्वेस्ट्रियन नोड के रिसालदार मेजर राजपाल सिंह व ट्रायंफ, नायब रिसालदार अंकुश कुमार व अर्जुन, दफेदार दिलीप कुमार व टाइअप और लांस दफेदार पी विश्वनाथ व अरमान की जोड़ियों ने 196.66 प्वाइंट लेकर प्रथम स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश टीम से फराज खान व हरिकेन, प्रणय खरे व विजय, आकांक्षा विश्वकर्मा व रॉकटीर और आनंद झाला व स्पीड मैजिक की जोड़ी 196.476 प्वाइंट के साथ रही। तीसरे स्थान पर आरवीसी-ए टीम रही। इस टीम में सवार अवधेश व जय ¨हद, सवार प्रदीप कुमार व मैजिक, सवार नील कमल व रॉक और लांस दफेदार व टार्जन की जोड़ी 190.396 प्वाइंट के साथ तीसरे स्थान पर रही। चौथे स्थान पर ब्वायज स्पोर्ट्स कंपनी के कोच ऑनरेरी कैप्टन गुलाब सिंह की टीम 189.76 प्वाइंट पर रही। इस टीम में सुदिप्ती हजेला व सुप्रीम क्वेस्ट, युवराज भाटिया व केवमैन, विनायक व वर्डिनेंड और परिधि जोशी व सेविल्ला की जोड़ी ने हिस्सा लिया।
ड्रेसाज के सातों स्तर की हो रही प्रतियोगिता
घुड़सवारी में हमारे देश में ड्रेसाज की सात तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं। नेशनल चैंपियनशिप में सातों ड्रेसाज की प्रतियोगिता हो रही हैं। इनमें प्री-लिम, एलिमेंट्री, मीडियम, एडवांस मीडियम, एडवांस, सेंट जॉर्ज और इंटरमीडिएट वन शामिल हैं। प्री-लिम के बाद इंटरमीडिएट तक हर स्तर पर कठिनाई का स्तर बढ़ता जाता है। इसमें घोड़ों के कदमताल, समय-सीमा आदि बढ़ते स्तर के अनुरूप घटता व बढ़ता रहता है।