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नमामि गंगे योजना : 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में फंसा जमीन का पेंच Meerut News

नमामि गंगे योजना के तहत कमालपुर में 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना है। लेकिन जमीन न उपलब्ध होने के कारण यह योजना में अभी पेंच फंस गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 02:01 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 02:01 PM (IST)
नमामि गंगे योजना : 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में फंसा जमीन का पेंच Meerut News
नमामि गंगे योजना : 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में फंसा जमीन का पेंच Meerut News

मेरठ, जेएनएन। नमामि गंगे योजना के तहत कमालपुर में 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना है। लेकिन जमीन न उपलब्ध होने के कारण यह योजना अधर में लटक गई है। इस मसले का हल निकालने के लिए बुधवार सुबह 11.30 बजे जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल नमामि गंगे योजना और वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों के साथ मेरठ पहुंचे हैं।

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4000 वर्ग मीटर जमीन की कमी

स्थानीय जल निगम के अधिकारियों के साथ मेरठ के 72 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में बैठक ले रहे हैं। बैठक में वर्ल्ड बैंक के अधिकारी भी मौजूद हैं। कमाल पुर में 200 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 681 करोड़ से बनना है। करीब 4000 वर्ग मीटर जमीन कम पड़ रही है। आवास विकास से जमीन की बात की गई थी, लेकिन जमीन की कीमत अधिक होने से जल निगम हिम्मत नही जुटा पा रहा है। इस प्लांट से तीन प्रमुख नाले जोड़े जाने हैं। आबू नाला एक, आबुनाला दो और ओडियन नाला। शहर में अभी केवल जल निगम का 72 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मौजूद है। जिससे 30 एमएलडी सीवर को ट्रीट किया जा रहा है। जबकि शहर से प्रतिदिन 300 एमएलडी सीवर उत्पन्न होता है।

शत प्रतिशत सीवेज ट्रीटमेंट

मेरठ को राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना में शामिल किया गया है। जिसके तहत शहर में शत प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था करनी है। फिलहाल 200 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा जमीन की खड़ी हो गई है। इस प्रोजेक्ट को वर्ल्ड बैंक की मदद से पूरा किया जाना है। वर्ल्ड बैंक के अधिकारी पैसा देने को तैयार हैं। लेकिन जमीन की व्यवस्था अफसर नही कर पा रहे हैं। बैठक ले रहे जल निगम के एमडी विकास गोठलवाल ने सम्बंधित क्षेत्र के लेखपाल को भी बुलाया है। सरकारी जमीन भी खोजी जा रही है।


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