मेरठ शहर को स्मार्ट बनाने में जुटेगा नगर निगम, इस तरह करेंगे जतन Meerut News
नगर निगम बोर्ड के दो साल पूरे होने पर महापौर ने पार्षदों से शहर के समुचित विकास के लिए सुझाव मांगे। निगम की व्यवस्था र्ढे पर आ रही हैं अब शहर को स्मार्ट बनाने में जुटेंगे।
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम बोर्ड के दो साल पूरे होने पर टाउन हाल परिसर स्थित तिलक हाल में गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महापौर ने बोर्ड की दो साल की उपलब्धियां गिनाईं तो नगर आयुक्त ने आगामी योजनाओं को पार्षदों के सामने रखा। साथ ही पार्षदों से शहर के समुचित विकास के लिए सुझाव मांगे। निगम की व्यवस्था र्ढे पर आ रही हैं, अब शहर को स्मार्ट बनाने में जुटेंगे।
यह-यह किया दो सालों में
महापौर सुनीता वर्मा ने कहा कि दो साल पहले 12 दिसम्बर 2017 को जनता की सेवा के लिए नगर निगम बोर्ड का गठन हुआ था। इसी तिथि को 90 पार्षदों ने साथ शहर को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की शपथ ली थी। दो साल में बोर्ड 185.89 करोड़ की लागत से 1333 विकास कार्य हुए। सात करोड़ की लागत से वार्डो में पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई। घर-घर से कूड़ा उठवाने की व्यवस्था के लिए 50 छोटे वाहन, 30 बड़ी गाड़ियां और 300 हाथ ठेला खरीदने के लिए 14 वें वित्त से स्वीकृति दी है। निगम की आय बढ़ाने में सफल रहे। वर्ष 2017-18 में 72.86 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी, इस वित्तीय वर्ष 2018-19 में माह नवंबर तक 82.16 करोड़ की वसूली की जा चुकी है।
यह रहे मौजूद
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, यूजर चार्ज लागू किया गया है। गांवड़ी में बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन का ट्रायल हो चुका है, जल्द कूड़े का सेग्रीगेशन शुरू हो जाएगा। कचरे से बिजली बनाने के प्रस्ताव भी पास किया था। यह काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। इस दौरान नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने आगामी कार्ययोजना बताई। दो साल पूरे होने पर पार्षदों को मिष्ठान वितरण किया गया। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह, मुख्य अभियंता यशवंत कुमार समेत अन्य निगम अधिकारी मौजूद रहे।
...और इस बार बाहर नहीं गए मुस्लिम पार्षद
कार्यक्रम की शु़रुआत वंदेमातरम से हुई। अक्सर बोर्ड बैठक में वंदे मातरम के दौरान कुछ मुस्लिम पार्षद बाहर चले जाते थे, लेकिन गुरुवार को ऐसा नहीं हुआ। सभी मुस्लिम पार्षद वंदेमातरम के दौरान मौजूद रहे। समापन राष्ट्रगान से हुआ।
कैंट की टोल वसूली पर फूटा गुस्सा
महापौर ने कैंट की नई टोल वसूली व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पूरा शहर जाम से परेशान है। ये बंद न हुए तो निगम के पार्षदों के साथ मिलकर टोल उखाड़ देंगे। करीब 65 पार्षद ने इसपर सहमति दी। दरअसल, रुड़की रोड पर निगम की सड़क पर कैंट टोल वसूल रहा था। कुछ पार्षदों ने वार्डो की समस्याएं भी गिनाई और खर्च का हिसाब भी मांगा।
ये हैं आगामी योजनाएं
गांवड़ी के बाद शहर में तीन अन्य स्थानों पर बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट लगाकर शत-प्रतिशत कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था करना।
नगर निगम क्षेत्र में अतिथि गृह का निर्माण कराया जाना।
सभी बड़े नालों को कवर्ड कराकर पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जाना।
शहर में उचित स्थानों पर मल्टीलेविल पार्किंग का निर्माण कराना।
नागरिक सुविधाएं बढ़ाने के साथ केंद्र से भी मेरठ को स्मार्ट सिटी घोषित कराना।
शहर के सभी चौराहों को एमडीए के साथ मिलकर स्मार्ट बनाना।
शहर में स्थित तालाबों का सौंदर्यीकरण कर उन्हें पुनर्जीवित कराना।
यातायात पुलिस के साथ मिलकर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट व्यवस्था बनाना।
पार्षदों ने रखे ये सुझाव
टाउनहाल परिसर में अतिथि गृह का निर्माण हो।
टाउनहाल परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाए।
हर वार्ड में एक-एक एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए।
सफाई बेहतर करने वार्डो में हाथ ठेले बढ़ाए जाएं।
गृहकर वसूली के लिए वार्डो में नियमित कैम्प लगाए जाएं।
कूड़ा उठान की मॉनीटरिंग को कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
तिलकहाल में अच्छा माइक सिस्टम लगाया जाए।
नियमों का कड़ाई से पालन हो ताकि अतिक्रमण करने वाले डरें।
मैं सारथी हूं.. रथ पर आप लोग सवार हैं
नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने महापौर और पार्षदों से कहा कि मैं सारथी हूं..रथ पर आप लोग हैं। आप नीति बनाएं। रथ हमारा है, सवारी आप करेंगे। सेना हमारी होगी। आप जैसी नीति बनाएंगे, उसे सही दिशा में पालन हम कराएंगे। उन्होंने कहा कि मेरठ अकेला नगर निगम है जो अपने दम पर कूड़ा निस्तारण प्लांट और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था कर रहा है। शेष नगर निगमों में ये व्यवस्था ठेके पर हैं। आने वाले दिनों में प्रदेश में मेरठ कचरे से आय और बिजली पैदा करने वाला एकमात्र निगम बनेगा। इसका परिणाम इसी महीने में नजर आने लगेगा।