शहर की सबसे बड़ी समस्या कूड़ा निस्तारण के लिए जानिए अब निगम ने क्या बनाया है प्लान Meerut News
Garbage Disposal सबसे बड़ी समस्या कड़ा निस्तारण के लिए अब जहां एक ओर जहां वैज्ञानिक तकनीक से कूड़ा प्रबंधन की तैयारी है तो वहीं दूसरी तरफ संसाधनों में बढ़ोत्तरी की तैयारी है।
मेरठ, जेएनएन। Garbage Disposal कूड़ा निस्तारण शहर की बड़ी समस्या है। इससे हर व्यक्ति परेशान हैं। नगर निगम प्रशासन ने इस समस्या से निजात दिलाने की कवायद शुरू की है। एक ओर जहां वैज्ञानिक तकनीक से कूड़ा प्रबंधन की तैयारी है तो वहीं दूसरी तरफ संसाधनों में बढ़ोत्तरी की तैयारी है। नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया के निर्देश पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह ने संसाधनों में बढ़ोत्तरी के लिए आठ करोड़ 76 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है।
इस तरह की है प्लानिंग
यह प्रस्ताव अवस्थापना विकास निधि की बैठक में रखा जाएगा। अगर इस पर सहमति बनीं तो आने वाले दिनों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन समेत कूड़ा उठान में आ रही संसाधनों की कमी से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए 70 हॉपर एंड टियर टाटा एस वाहन, 450 रिक्शा ठेला, 20 ट्रैक्टर-ट्रॉली, पांच जेसीबी, तीन पोर्कलेन मशीन और दो फासी मशीन खरीदी जाएंगी। जिससे कूड़ा उठान की व्यवस्था सुधरने की उम्मीद है। वर्तमान में डोर टू डोर कूड़ा गाड़ियां 110 हैं। 70 नई आने से यह संख्या 180 हो जाएगी। अर्थात प्रति वार्ड दो कूड़ा गाड़ी हो जाएगी।
कूड़ा डंप करने की है चुनौती
हालांकि कूड़ा उठान की व्यवस्था सुधरने के बाद कूड़ा डपिंग की समस्या भी सामने होगी। इसे लेकर निगम प्रशासन चिंतित है। जिला प्रशासन से भी मदद मांगी जा रही है। दरअसल, लोहिया नगर में कूड़ा डंप किया जा रहा है। जो सड़क तक फैला हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर भी संज्ञान लिया है। नगर निगम की परेशानी ये हैं कि गांवड़ी में पहले से विरोध है। लोहिया नगर में भी विरोध शुरू हो गया है। ऐसे में निगम छोटे प्लांट कई स्थानों पर लगाकर कूड़ा प्रबंधन पर प्लान बना रहा है।
कागज पर ये भी हैं प्लान
कंपोस्टिंग : शहर में तीन स्थानों पर कंपोस्टिंग एवं सेग्रीगेशन प्लांट लगाकर गीला-सूखा कचरे का अलग-अलग निस्तारण करने का प्लान बनाया गया है। 1000 घरों में किचन आधारित कंपोस्टिंग यूनिट शुरू करने की बात कही जा रही है।
वेस्ट-टू एनर्जी : नगर निगम प्लास्टिक आधारित कचरे के निस्तारण के लिए बीके बायोमास एजेंसी से अनुबंध करने जा रहा है। 200 टन प्लास्टिक आधारित कचरा निगम एजेंसी को देगा। इसका निस्तारण कर पांच मेगावाट बिजली बनाने का दावा है।
बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट : कूड़े से प्लास्टिक, पॉलीथिन को अलग करने के लिए शामली की तर्ज पर बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट लगाने की तैयारी की है। करीब 70 लाख रुपये इसमें खर्च होने का अनुमान है।
इनका कहना है
कूड़ा उठान और निस्तारण की व्यवस्था को लेकर नगर निगम ने तैयारी कर ली है। दिसंबर तक कूड़ा प्रबंधन को ठीक करना है। इस लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है।
- डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम।