निगम के अफसरों में एनजीटी का खौफ
जागरण संवाददाता, मेरठ : एनजीटी की तलवार लटकने पर निगम के अफसरों की कार्यशैली अचानक बदल गइ
जागरण संवाददाता, मेरठ : एनजीटी की तलवार लटकने पर निगम के अफसरों की कार्यशैली अचानक बदल गई है। मंगतपुरम में कूड़ा निस्तारण पर जवाब के लिए अफसरों की टीम होमवर्क करने में जुटी है। सोमवार को इस मामले में एनजीटी में सुनवाई है। शनिवार शाम को निगम के अफसर फील्ड में घूमते दिखाई दिए। उधर, याचिकाकर्ता ने एनजीटी के सामने निगम के झूठ की पोल खोलने की पूरी तैयारी कर ली है।
फरवरी के प्रथम सप्ताह में आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना की याचिका पर एनजीटी में सुनवाई हुई थी। दिल्ली रोड पर होटल मुकुट महल के पास मंगतपुरम में, हापुड़ रोड पर लोहियानगर में, कंकरखेड़ा में तथा किला रोड पर गांवड़ी में खड़े शहर से निकले कूड़े के ऊंचे पहाड़ों का निस्तारण कराने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान नगर निगम के अधिवक्ता ने मंगतपुरम में कोई कूड़ा न होने का दावा किया था। एनजीटी ने वादी से कूड़े के प्रमाण मांगे थे। साथ ही 5 मार्च सुनवाई की तिथि नियत की थी। वादी ने सभी स्थानों पर मौजूद कूड़े के फोटो तथा वीडियो की सीडी तैयार की है।
सुनवाई नजदीक आती देख निगम अफसरों की नींद उड़ गई है। शनिवार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुंवरसैन के साथ मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षण, सभी खाद्य एवं सफाई निरीक्षक समेत निगम के तमाम अधिकारी कूड़े के डंपिंग स्थलों पर घूमते नजर आये। माना जा रहा है कि एनजीटी के खौफ में ही सही नागरिकों को कूड़े के अभिशाप से मुक्ति मिल सकती है।