एलईडी लाइटों की गुणवत्ता पर पार्षदों ने उठाए सवाल, जांच कराएगा नगर निगम Meerut News
ईईएसएल द्वारा लगायी एलईडी लाइटों की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद अब नगर आयुक्त ने ईईएसएस से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की है।
मेरठ, जेएनएन। ईईएसएल द्वारा लगायी एलईडी लाइटें लगते ही बंद हो जा रही हैं। पार्षदों ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। जिसे लेकर नगर निगम प्रशासन ने एलईडी लाइटों की गुणवत्ता की तकनीकी जांच कराने का निर्णय लिया है। यह जांच किसी दूसरी एजेंसी से कराई जाएगी। इसके साथ ही नगर आयुक्त ने ईईएसएल से कई बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की है।
नगर आयुक्त ने की अफसरों के साथ बैठक
नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने ईईएसएल की मनमानी से परेशान लोगों की शिकायत पर पथ प्रकाश विभाग, निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में 20 बिंदु रखे गए। पथ प्रकाश विभाग ने रिपोर्ट दी कि कंपनी ने प्रोजेक्ट की वास्तविक वित्तीय व्यय की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। सभी पुरानी सोडियम लाइटों को बदल देने का कंपनी ने कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया है। एलईडी लाइटों की वार्ड वार सूची नहीं दी है। जिससे यह पता नहीं चल रहा है कि वास्तव में एलईडी लाइट कंपनी ने कितनी और कहां पर लगाई हैं। कंपनी बिना किसी आधार के 110.38 रुपये प्रति लाइट की दर से बिल भेज रही है। कंपनी ने अपना कार्यालय तक नहीं खोला है।
रिपोर्ट की गई तलब
वहीं विद्युत विभाग ने एलईडी लाइट लगने के बाद विद्युत भार भी कम नहीं किया है। इन सभी मामलों में नगर आयुक्त ने ईईएसएल से रिपोर्ट तलब करने का निर्देश पथ प्रकाश विभाग को दिया है। इसके साथ ही नगर निगम 90 वार्डों में लगी एलईडी लाइट का सत्यापन कार्य प्राथमिकता पर करेगा।
त्योहार पर कायम है अंधेरा
शहर में ईईएसएल की मनमानी के चलते त्योहार पर भी प्रमुख मार्ग अंधेरे में है। पथ प्रकाश विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रूड़की रोड पर 44, दिल्ली रोड पर 67, बिजली बंबा बाइपास पर 78, गढ़ रोड पर 09, रेलवे रोड पर 11, रोहटा रोड पर 14, हापुड़ रोड पर 04 और मवाना रोड पर 06 एलईडी लाइट बंद पड़ी हैं। इनमें अधिकतर लाइटें लगने के कुछ दिन बाद ही खराब हो गई हैं।