नईम गाजी हत्याकांड : जब टुकड़ों में शव को देख कांप गए थे अफसर Meerut News
12 दिसंबर 2016 को हुए भगत सिंह मार्केट के प्रधान नईम गाजी हत्याकांड में कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सभी सात आरोपितों को गुरुवार को बरी कर दिया।
मेरठ, जेएनएन। naeem ghazi murder भगत सिंह मार्केट के प्रधान नईम गाजी हत्याकांड में सात आरोपितों को अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषी न पाते हुए बरी कर दिया। 12 दिसंबर 2016 की वो काली रात। रुड़की रोड पर नाले में बोरे के अंदर टुकड़ों में नईम गाजी का शव मिला था, जिसे देखकर अफसर भी कांप गए थे।
स्कूटी से अपने पार्टनर के घर गए थे
अभियोजन के अनुसार थाना कोतवाली में वादी मुकदमा अदनान पुत्र जियाउद्दीन निवासी भगत सिंह मार्केट, मेरठ ने 12 दिसम्बर 2016 को रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उनके भाई नईम स्कूटी से अपने पार्टनर आनन्द शर्मा के घर गए थे। जो वापस नहीं आए और न ही उससे कोई सम्पर्क हो पाया। इस मामले में पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद अगले दिन 13 दिसम्बर को वही स्कूटी लावारिस स्थिति में सिटी रेलवे स्टेशन पर मिली थी। उसके बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान सामने आया कि नईम का आनन्द शर्मा, हैप्पी शर्मा आदि से प्रॉपर्टी का विवाद था।
संदेह के आधार पुलिस ने किया था गिरफ्तार
संदेह की बिना पर 20 दिसंबर 2016 को अभिषेक शर्मा, आनन्द शर्मा, सरला, रमाशंकर व करिश्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने अभिषेक शर्मा उर्फ हैप्पी व रमाशंकर तिवारी की निशानदेही पर रोशनपुर डोरली नाले पर जटौली फाटक की तरफ नईम का शव भी बरामद किया। नईम का शव कई टुकड़ों में था। पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कर सातों आरोपियों को जेल भेज दिया था।
कोर्ट को नहीं मिले पर्याप्त साक्ष्य
केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट न्यायालय में चल रही थी। जहां पर 13 गवाहों की गवाही कराई गई। सुनवाई के दौरान अदालत को पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट सुनील कुमार श्रीवास्तव ने सातों आरोपी अभिषेक शर्मा उर्फ हैप्पी, आनन्द प्रकाश शर्मा, सरला देवी, करिश्मा शर्मा, विशाल शर्मा, रमाशंकर तिवारी, दीपक कुमार उर्फ दिनेश को बरी कर दिया।
जब टुकड़ों में शव को देख कांप गए थे अफसर
याद कीजिए 12 दिसंबर 2016 की वो काली रात। रुड़की रोड पर नाले में बोरे के अंदर टुकड़ों में नईम गाजी का शव मिला था, जिसे देखकर अफसर भी कांप गए थे। रातभर कप्तान के आवास पर मीटिंग हुई। मेरठ में पिछले कई सालों से तैनात रहे पुलिसकर्मियों को बुलाया गया। शहर के मुख्य लोगों को अपने पक्ष में रखकर पुलिस ने बोरे में मिली लाश को सार्वजनिक किया। उसके बाद हापुड़ अड्डे पर सांप्रदायिक तनाव फैल गया। भाजपा नेताओं पर आरोपितों के बचाने के गंभीर आरोप तक लगाए गए। बसों और अन्य वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई थी। पुलिस अफसरों ने भारी पुलिस बल तैनात कर शहर को सांप्रदायिक हिंसा से बचा लिया था।
बाजार बंद कर कई दिन तक हुआ था बवाल
भगत सिंह मार्केट का बाजार बंद करने के बाद कई दिनों तक बवाल हुआ था। एसएसपी से लेकर अधिकारियों तक के ऑफिस पर विरोध और हंगामा किया गया था।
भाजपा नेताओं के होर्डिग में कर दी थी आगजनी
नईम गाजी की हत्या की जानकारी जैसे ही परिजनों और भगत सिंह मार्केट के लोगों को लगी थी तो वह आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने हापुड़ अड्डे पर भाजपा नेताओं के होर्डिग में आगजनी कर दी थी। पुलिस ने विरोध किया था तो पुलिस से भी गाली- गलौज और धक्कामुक्की करी गई थी।
पूरे जोन से बुलाई गई थी फोर्स
नईम गाजी हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन ने माना था कि शहर में बवाल होगा। रात को जब पुलिस ने तीन बजे शव बरामद कर लिया था तो सुबह किसी प्रकार का बवाल न हो इसको लेकर रात को तीन बजे एसएसपी ने आवास पर बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद आइजी और एडीजी को इस मामले की जानकारी दी गई थी। इसके बाद कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया था।