बिजनौर में धोखाधड़ी से कार बेचने के आरोप में दर्ज होगा मुकदमा, सीजेएम कोर्ट का आदेश
बिजनौर के चांदपुर थानाक्षेत्र के गांव खेड़की निवासी मोहम्मद आरिफ ने चौधरी हुंडई शोरूम बिजनौर से सेंट्रो कार खरीदने के लिए संपर्क किया। पीड़ित ने 1.89 लाख रुपये नकद और 2.59 लाख रुपये का चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी से ऋण लेकर कार का भुगतान कर दिया।
बिजनौर, जागरण संवादादता। सीजेएम कोर्ट ने कार शोरूम के दो सहायक मैनेजर, मैनेजर, प्रोपराइटर और एक फाइनेंस कंपनी मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
चांदपुर थानाक्षेत्र के गांव खेड़की निवासी मोहम्मद आरिफ ने चौधरी हुंडई शोरूम बिजनौर से सेंट्रो कार खरीदने के लिए संपर्क किया। पीड़ित ने 1.89 लाख रुपये नकद और 2.59 लाख रुपये का चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी से ऋण लेकर कार का भुगतान कर दिया। आरिफ के जीजा खलील अहमद को हुंडई शोरूम की सहायक मैनेजर निशा और नासिर, मैनेजर, प्रोपराइटर विवेक चौधरी ने वाहन दे दिया। रजिस्ट्रेशन और बीमा के कागजात बाद में देने को कहा। शोरूम से कार के कागजात नहीं मिलने पर उन्होंने एआरटीओ में संपर्क किया तो पता चला कि कागजात वहां भी नहीं भेजे गए। आरोप है कि आरोपितों ने जालसाजी और धोखाधड़ी से पीडि़त को कार दे दी। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक लाकडाउन में खरीदे गए वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए 10 दिन का समय मिलता है। मामले में सीजेएम विमल त्रिपाठी ने चौधरी हुंडई शोरूम बिजनौर के दो सहायक मैनेजर, प्रोपराइटर, मैनेजर और एक फाइनेंस कंपनी के मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। शोरूम के मालिक विवेक चौधरी का कहना है कि उन्हें प्रकरण की जानकारी नहीं है। मामले को दिखवाएंगे।